आईएमए से पास आउट हो रहे नौ मित्र राष्ट्रों के कैडेटों को भी सराहा
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी आईएमए में 12 दिसंबर को पास आउट होने जा रहे कैडेटों की गुरुवार को कमांडेंट परेड हुई। परेड के बाद अकादमी के कमांडेंट ले.ज. हरिंदर सिंह ने कैडेटों में जोश भरा। उन्होंने भारतीय कैडेटों के साथ आईएमए से पास आउट हो रहे नौ मित्र राष्ट्रों के कैडेटों को भी सराहा।
कमांडेंट परेड में इस बार कोरोना काल के चलते दर्शक दीर्घा में कम लोग थे। परेड की सलामी आईएमए कमांडेंट ले.ज. हरिंदर सिंह ने ली। परेड में 325 भारतीय और नौ अन्य देशों के 70 कैडेट शामिल थे।
कोरोना संक्रमण के चलते परेड के दौरान केवल आईएमए स्टॉफ और प्रशिक्षु कैडेट मौजूद थे। परेड की सलामी के बाद ले.ज. हरिंदर सिंह ने शानदार ड्रिल के लिए कैडेटों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में सामने आई बाधाओं को पीछे छोड़ते हुए कैडेटों से शानदार काम किया है। सेना में अफसर बनने से एक कदम दूर युवा कैडेटों में जोश भरते हुए कमांडेंट ने कहा कि सेना की प्रतिष्ठा उनके कंधों पर मजबूती से टिकी हुई है।
उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ यह सम्मान अर्जित किया है। अब उन्हें चरित्र, क्षमता, प्रतिबद्धता और करुणा के साथ सेना के मूल मूल्यों पर खरा उतरने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सेना में कमीशन होने के बाद आपको, अपनी शक्ति और पवित्रता का परीक्षण करने के लिए एक भट्टी में डाल दिया जाएगा। जितने आपके इरादे मजबूत होंगे, परिणाम भी उतना ही शानदार होगा।
इरादे की शुद्धता से कार्रवाई के परिणामों की शुद्धता को याद रखें। उन्होंने कहा कि अपनी टीम की हमेशा समझें और चिंताओं में साथी बनें। उन्हें अपनी क्षमता दिखाएं तो वह अपका सम्मान जरूर करेंगे। उन्होंने अमेरिकी सेना के जनरल नॉर्मन श्वार्जकोफ का वाक्य भी दोहराया। कहा कि सही काम करने की क्षमता और साहस को विकसित करें। जनरल ऑफिसर ने नौ मित्रवत विदेशी देशों के 70 जेंटलमैन कैडेट्स की तारीफ की। कहा कि आईएमए में आपके द्वारा विकसित किए गए एकजुटता के मजबूत बंधन को एक बंधन में बढ़ावा मिलेगा जो हमारे राष्ट्रों के बीच राजनयिक और सैन्य संबंधों को मजबूत और जीवंत बनाए रखेगा।
जल्द ही, आप अपनी महान सेनाओं का हिस्सा बन जाएंगे। मुझे विश्वास है कि भारतीय सैन्य अकादमी की भावना आपके भविष्य के सभी पाठ्यक्रमों में आपका मार्गदर्शन करेगी। आपको हमेशा प्रयास करना चाहिए कि आप जो कुछ भी करते हैं उसमें महानता हासिल करें। समापन पर उन्होंने कैडेटों अंतिम पीओपी में सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित किया।