भू-धसांव से तीर्थपुरोहितों के पुश्तैनी आवासों को खतरा, डीएम से लगाई सुरक्षा की गुहार

नई टिहरी(आरएनएस)। बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान के तहत की गई खोदाई से नारायण पुरी स्थित देवप्रयाग तीर्थपुरोहितों के पुश्तैनी आवास ध्वस्त होने की कगार पर हैं। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को ज्ञापन भेजकर उनके आवासों को सुरक्षित करने की मांग की है।  बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत नारायणपुरी में अलकनंदा तट की ओर आस्था पथ प्रस्तावित है जिसके तहत जेसीबी के जरिए खोदाई कर दी गई। मगर रेतीली मिट्टी होने से वहां भू-धंसाव शुरू हो गया है जो तीर्थपुरोहित समाज की पुरानी बस्ती तक पहुंच गया है। इससे बदरीनाथ मंदिर से जुड़ी कुबेर गली का एक हिस्सा जहां ढह चुका है वहीं, देवप्रयागवासियों का पंचभैया मोहल्ला भी इसकी जद में आ गया है। स्थानीय अमन व भुवनेश भट्ट ने जब भू-धसांव की फोटो सार्वजनिक की तो इस पूरे मामले का पता तीर्थ पुरोहितों को चला। उन्होंने डीएम चमोली को पत्र भेजकर बताया कि जेसीबी से अत्यधिक खोदाई से उनके आवासों के ध्वस्त होने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने निर्माण एजेंसी को सुरक्षात्मक कदम उठाने के निर्देश देने की मांग जिलाधिकारी से की। ज्ञापन भेजने वालों में प्रेमलाल पंचभैया, जितेंद्र डंगवाल, आलोक, अमित, शशिकान्त, उमाचरण पंचभैया, किशोर, जयप्रकाश, अजय, अनिल पंचभैया शामिल हैं।


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