पौराणिक गंगा पथ पर निकले तीर्थयात्री

ऋषिकेश। चारधाम यात्रा के पुराने मूल स्वरूप को जीवंत बनाने की पहल के तहत पौड़ी जिला प्रशासन की ओर से गंगा पथ यात्रा का शुभारंभ किया गया। इस दौरान परमार्थ निकेतन आश्रम में डीएम डॉ. आशीष चौहान ने तीर्थयात्रियों और ऋषिकुमारों के साथ यज्ञ किया। इसके बाद उन्होंने हरी झंडी दिखाकर यात्रियों को गंगा पथ पर रवाना किया। स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में शनिवार को आयोजित गंगा पथ यात्रा का शुभारंभ कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद मुनि भी शामिल हुए। उन्होंने डीएम डॉ. आशीष चौहान और ऋषिकुमारों व यात्रियों के साथ यज्ञ किया। गंगा पथ यात्रा के सुरक्षित संचालन की कामना की। यज्ञ के बाद यात्रियों के साथ डीएम भी गंगा पथ पर पैदल चले। बताया कि गंगा पथ यात्रा का रूट स्वर्गाश्रम से नौदखाल तक वाहन से है। जबकि, इसके आगे करीब 20 किलोमीटर सिमालू तक गंगा किनारे पैदल है। यह पुराने समय में चारधाम यात्रा का पैदल मार्ग था। गंगा के साथ चलने वाले पैदल मार्ग पर यात्रियों को प्रकृति और धर्म के साथ आध्यात्म का संगम नजर आएगा। कहा कि भविष्य में यात्री देवप्रयाग तक इस रूट की ओर आकर्षित होंगे।
स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि जड़ों, मूल्य और मूल से जुड़ने का समय आ गया है। यह जीवन और प्रकृति की यात्रा है। उन्होंने आशा जताई कि यह यात्रा विश्व में प्रसिद्ध होगी, इसके बाद दुनियाभर के लोग भी देवभूमि की पवित्रता और सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे। वहीं, इस यात्रा में सिर्फ देसी ही नहीं, बल्कि विदेशी लोग भी शामिल हुए। भारी संख्या में यात्रियों के बीच कई बच्चे भी नजर आए। सुबह शुरू हुई यात्रा में शामिल तीर्थयात्री शाम के वक्त विभिन्न इलाकों से होते हुए देवप्रयाग पहुंचे। मौके पर डीएफओ स्वप्निल कुमार, साध्वी भगवती सरस्वती आदि मौजूद रहे।