मांस मदिरा बिक्री व अश्लील कार्यों पर लगे रोक

ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में मांस-मदिरा की बिक्री और अश्लीलता को लेकर संतों ने नाराजगी जताई। उन्होंने सरकार से इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की। मंगलवार को अखिल भारतरीय संत समिति एवं विरक्त वैषणव मंडल के तत्वावधान में श्रीराम तपस्थली ब्रह्मपुरी आश्रम में गंगा की अविरलता विषय पर मंथन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज ने कहा कि हरिद्वार से देवप्रयाग तक कुंभ क्षेत्र है। बावजूद इसके यहां मांस मदिरा बेचा जा रहा है। यह पूर्णतया बंद होना चाहिए। कहा कि पर्यटन के नाम पर लोग गंगा को प्रदूषित करने का कार्य कर रहे हैं। कैंप के नाम पर नदियों किनारे शराब और मांस परोसा जा रहा है। उत्तराखंड के जंगलों में दूसरे धर्म के लोग ठिकाना बना रहे हैं। ऋषिकेश में अतिक्रमण की वजह से जगह-जगह जाम की समस्या बनी हुई है। पर्यटन और राफ्टिंग के नाम पर अश्लीलता चल रही है। युव- युवतियां अश्लील हरकतें करते दिख रहे हैं। इससे धार्मिक कार्य में समस्या आती है। संतों की इस नगरी में इस प्रकार के सभी कार्य बंद होने चाहिए। राफ्टिंग करना मना नहीं है, लेकिन अश्लीलता बंद होनी चाहिए। मौके पर महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, आचार्य गोविंदाचार्य, तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत स्वामी विजय स्वरुप महाराज, साक्षी धाम बृंदावन, स्वामी आलोक हरी महाराज, महंतराम दास त्यागी, महंत चक्रपाणि दास, सुदर्शनाचार्य, विवेकानंद दास, गंगा दास, शंकर दास, सूरज दास, अरविंद दास, गणेश दास, राम दास, अमृत दास, मनसुखा दास, अशोक दास, ईश्वर देव शास्त्री, अमर देव शास्त्री, आशीष, कौशलपति, आचार्य सुशील कुमार नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

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