
ऋषिकेश(आरएनएस)। मुनिकीरेती में अंग्रेजी शराब की दुकान के विरोध में जुलूस निकालने से पहले ही पुलिस ने हिमांशु बिजल्वाण समेत तीन आंदोलनकारियों को घर से ही गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई होते ही खारास्रोत में आंदोलन स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने आंदोलनकारियों की रिहाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के पुतले की शव यात्रा निकालने का प्रयास किया। इसको लेकर आंदोलनकारी स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों में झड़प हो गई। पुतले की खींचतानी में कई आंदोलनकारियों के कपड़े तक फट गए। अचानक तनावपूर्ण हुआ मामला घंटेभर बाद शांत हुआ। पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत के मौके पर पहुंचने के बाद आंदोलनकारियों ने जुलूस निकाला। दरअसल, उत्तराखंड की 25वीं वर्षगांठ पर रंजती जयंती को शराब की दुकान के विरोध में 14 दिन से आंदोलन स्थानीय लोगों ने शराब स्थापना दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था। इसी क्रम में रविवार को उनका खारास्रोत में शराब की दुकान नजदीक आंदोलन स्थल से जुलूस का कार्यक्रम तय था, मगर सुबह से ही मुनिकीरेती पुलिस हरकत में दिखी। उन्होंने संयुक्त संघर्ष समिति अध्यक्ष हिमांशु बिजल्वाण, संदीप भंडारी और सीताराम राणाकोटी को घर से गिरफ्तार कर लिया। इसकी भनक खारास्रोत में आंदोलन स्थल पर स्थानीय लोगों को लगी, तो मामला बिगड़ गया। पुलिसकर्मियों से आंदोलनकारियों की धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक के बाद हालांकि दोपहर बाद जुलूस निकाला गया। खारास्रोत से होते हुए मुनिकीरेती मुख्य मार्ग और चौदहबीघा क्षेत्र में निकलने जुलूस में स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए उन्होंने मुनिकीरेती से शराब की दुकान अतिशीघ्र हटाने की मांग भी दोहराई। पूर्व विधायक ने कहा कि दुकान हटने तक आंदोलनकारी पीछे नहीं हटेंगे। नगरपालिका अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। कहा कि जनहित में सरकार महज एक अदद शराब की दुकान हटाने को तैयार नहीं है। जबकि, यह स्थानीय युवाओं के सुरक्षित भविष्य का सवाल है।





