
विकासनगर(आरएनएस)। 39 साल बाद चालदा देवता अपने मूल स्थान कचटा में विराजमान होंगे। जौनसार बावर क्षेत्र के खत कोरू के कर्मचारी मंडल की जौनसार बावर भवन विकासनगर में शनिवार को हुई बैठक में देवता के कचटा आगमन की तैयारियों पर चर्चा की गई। साथ ही व्यवस्थाओं की रूप रेखा भी तय की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए खत के सदर स्याणा सुनील दत्त जोशी ने बताया कि चालदा महाराज का कचटा गांव में भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। अब देवता के आगमन से पूर्व मंदिर परिसर में शेष कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1987 में चालदा महाराज ने कचटा से थैना की यात्रा आरंभ की थी और अब लगभग 39 वर्ष बाद पुनः देवता अपने मूल स्थल कचटा में विराजित होंगे। इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर समूचे खत क्षेत्र में हर्ष और उत्साह का वातावरण है। बैठक में समिति के संरक्षक राजेंद्र चौहान ने कहा कि देवता के आगमन को लेकर खत को जोड़ने वाले मोटर मार्गों, पेयजल, विद्युत तथा यातायात व्यवस्थाओं को मजबूत करने और विभागीय समन्वय की आवश्यकता है ताकि आयोजन में कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक है। महासचिव धाम सिंह चौहान ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान में खत के प्रत्येक सदस्य सक्रिय रूप से भाग लें। उन्होंने कहा कि देवता के आगमन से पहले परंपरागत डोरिया का आगमन होगा, जिसके स्वागत और व्यवस्था को लेकर सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। बैठक में हाकम सिंह चौहान, चमन खन्ना, सुल्तान सिंह, करम सिंह, विरेंद्र सिंह, स्वराज सिंह, अबल सिंह, अनिल सिंह, चंदन सिंह, आनंद सिंह, राजेंद्र सिंह राठौड़, भारत चौहान और शमशेर सिंह, अनिल शर्मा, अंकित चौहान आदि उपस्थित रहे।




