32 साल के संघर्ष के बाद मिली अधूरी सड़क की सौगात
पिथौरागढ़। धारीजोशी, जीबालपाटा सहित चार गांव के लोगों को 32 साल के संघर्ष के बाद भी आठ के सापेक्ष आधी-अधूरी तीन किमी सड़क मिल सकी है। जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगाकर ग्रामीण थक चुके हैं। लेकिन सड़क की उनकी हसरत पूरी नहीं हो रही है। विभाग ने महज तीन किमी सड़क निर्माण कर उसे अधूरा छोड़ दिया है।
वर्ष 1990 से धारीजोशी, जीबालपाटा के ग्रामीण सड़क निर्माण को लेकर संघर्षरत हैं। लेकिन तीन दशक से अधिक समय बीतने के बाद भी उनका सड़क का सपना अधूरा है। स्थानीय निवासी कैप्टन पुष्कर सिंह व अशोक चौहान ने बताया चंडाक मार्ग स्थित जेल के समीप से धारीजोशी-जीबालपाटा आठ किमी सड़क का निर्माण होना था। बीते वर्षों में प्रशासन ने सड़क का 2 करोड़ 82 लाख का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा। स्वीकृति मिलने के बाद विभाग ने तीन किमी सड़क का निर्माण भी किया। लेकिन अब निर्माण कार्य ठप है। कहा सड़क के अभाव में ग्रामीण पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं। कहा सड़क बनने से धारी, पाभे, डुगरा, जीबालपाट के दो हजार से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही भविष्य में सड़क को विस्तार कर गंगोलीहाट से लिंक किया जा सकता है।