28 मार्च को दून मेडिकल कॉलेज में होंगे इंटरव्यू

श्रीनगर गढ़वाल।  प्रदेश के पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में आज भी प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी बनी हुई है। यहां विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरे जाने के लिए हर बार कॉलेज प्रशासन दून में साक्षात्कार कराता है, किंतु कम ही फैकल्टी पहाड़ के इस मेडिकल कॉलेज को मिल पाती है। एक बार फिर से आगामी 28 मार्च को दून में मेडिकल कॉलेज में खाली चल रहे फैकल्टी के लिए इंटरव्यू रखे गये हैं। ताकि मेडिकल कॉलेज में खाली चल रहे पदों को भरा जा सके।

मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के साथ ही पीजी डिप्लोमा, एमएस और एमडी का भी कोर्स संचालित हो रहा है, ऐसे में पूरी फैकल्टी ना होने के कारण एमबीबीएस कोर्स कर रहे छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। जबकि मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल बेस अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी डॉक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें उठानी पड़ती है। हालांकि कॉलेज प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया है, किंतु डॉक्टरों के अभाव में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर असर पड़ता है। जिस कारण कतिपय विभागों में सीनियर डॉक्टर के अभाव में जूनियर डॉक्टर ही काम चलाते हैं। मेडिकल कॉलेज में टीबी चेस्ट, रेडियो, इमरजेंसी मेडिसिन, मानसिक रोग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग ऐसे है जहां विभागाध्यक्ष ही नहीं है। जबकि 17 विभागों में 25 एसोसिएट प्रोफेसरों की कमी है और 23 विभागों को 43 असिस्टेंट प्रोफेसरों की आज भी आवश्यकता है। उक्त खाली पड़े पदों के भर जाने से जहां एमबीबीएस कोर्स से लेकर अन्य पीजी डिप्लोमा कोर्स कर रहे छात्रों को शैक्षणिक मौहाल अच्छा बनेगा तो यहां आने वाले मरीजों को भी सीनियर डॉक्टर मिलने से बेहतर इलाज मिलेगा ही साथ ही ओपीडी से लेकर ऑपरेशन में समय पर नंबर आ पायेगा।

मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के साथ ही पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू होने पर कालेज की सभी फैकल्टी भरने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं, पिछले पांच सालों में कालेज में फैकल्टी भरने का काम हुआ, जो फैकल्टी अभी खाली है उसे भरने के लिए 28 मार्च को इंटरव्यू है। ताकि छात्रों और मरीजों के हित में पहले से और बेहतर हो सके।
प्रो. सीएमएस रावत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज श्रीनगर।


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