दो आंदोलनकारी टावर पर चढ़े, मचा हडक़म्प

गोपेश्वर(चमोली)। चमोली जिले में नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग चौड़ीकरण की मांग को लेकर आंदोलनकारियों की भूख हड़ताल जारी है। यहां गुरुवार को उस वक्त हडक़ंप मच गया, जब दो आंदोलनकारी टावर पर चढ़ गए। इससे हडक़ंप मच गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पिछले पांच दिनों से मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर आंदोलनकारियों को प्रशासन ने जबरन हटाने की कोशिश की तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। धरने पर बैठे गुड्डू लाल और आंदोलनकारी मदन सिंह टावर पर चढ़ गए। इससे मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। आंदोलनकारी लगातार नंदप्रयाग-घाट मोटरमार्ग को डेढ़ लेन चौडीकरण करवाने का शासनादेश जारी करवाने की है मांग। घाट क्षेत्र में पूरा बाजार बंद है और चक्का जाम हो गया है।
गौरतलब है कि बीते दिन नंदप्रयाग घाट सडक़ चौड़ीकरण की मांग को लेकर नंदप्रयाग से लेकर घाट तक 19 किमी क्षेत्र में ग्रामीणों ने विभिन्न कस्बों में मानव श्रृंखला निकालकर विरोध दर्ज किया था। उसके बाद घाट में इस मांग को लेकर आमरण अनशन भी शुरू हुआ। समाचार पत्रों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तत्काल सडक़ चौड़ीकरण का परीक्षण कर जरूरी कार्रवाई के निर्देश सचिव लोक निर्माण विभाग को दिए हैं, जिससे क्षेत्र की हजारों आबादी की समस्या का समाधान हो सके। लेकिन इस मसले पर आंदोलनकारी अभी आमरण अनशन पर ही डटे हुए हैं।
आमरण अनशन कर रहे टैक्सी यूनियन घाट के अध्यक्ष मनोज कठैत का कहना है कि उनकी मांग नंदप्रयाग घाट सडक़ के डेढ लेन चौड़ीकरण की है। जब तक इसका शासनादेश जारी नहीं होता है तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। अनशनकारी पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुडडू लाल का कहना है कि पहले भी दो मुख्यमंत्री सडक़ चौड़ीकरण की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में शासनादेश जब तक जारी नहीं होता तब तक आंदोलनकारियों को सरकार पर भी भरोसा नहीं है।