15 जुलाई से भड़गांव थोक के शुरू होगा नाग देवताओं का मेला

उत्तरकाशी(आरएनएस)। बड़कोट व पुरोला तहसील क्षेत्र के भड़गांव थोक के नाम से प्रसिद्ध एक दर्जन से अधिक गावों में नाग देवताओं के वैष्णव मेलों का मंगलवार से आगाज होगा। इन मेलों में भुवनेश्वर और पवनेश्वर नाम से विख्यात नाग देवता अपने थान में स्थित मंदिर गर्व गृह से एक साल बाद श्रद्धालुओं को दर्शन देने बाहर निकलते हैं व अपनी वृत्ति (थोक) के गावों में भ्रमण कर क्षेत्र वासियों को सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद देते हैं। नाग देवताओं के मेले शुरू होने से दस दिन पूर्व से इन दर्जन भर गावों में मांस मदिरा का सेवन पूर्णतः वर्जित हो जाता है। पौराणिक कथनों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जब नाग देवताओं के मेले आरम्भ होने से पहले उनका जागरण करना शुरू होता है तो जिस व्यक्ति के घर में मांस मदिरा का सेवन होगा वहां सर्प रूप में नाग देवता प्रकट होकर नुकसान पहुंचाते हैं। असाढ़ की संक्रांति से ग्राम पौंटी से शुरू होने वाले नाग देवताओं के मेले दो सप्ताह तक अलग अलग गावों में देव डोलियों के साथ धूमधाम से मनाये जायेंगे। इन मेलों के दौरान उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति के कई रंग देखने को मिलते हैं, यहां मेलों के दौरान रवांई की समृद्ध लोक संस्कृति पर आधारित लोक गीत, लोकनृत्य, रासु -तांदी की अप्रतिम प्रस्तुतियां देखने को मिलती है। नाग देवताओं के दो स्थाई थान है प्रथम ग्राम मोल्डा व द्वितीय ग्राम पौंटी, नाग देवताओं का वास एक साल मोल्डा व एक साल पौंटी थान में रहता है, नाग देवता वर्षभर में सिर्फ इन मेलों के दौरान ही अपने भक्तों को आशीर्वाद देने गर्वगृह से बाहर आते हैं, वर्षभर इनकी पूजा अर्चना स्थाई तौर पर इनके पुजारी बहुगुणा लोग मंदिर में ही करते हैं।

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