युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने की जरूरत

श्रीनगर गढ़वाल। आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर तय कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत शुक्रवार को गढ़वाल विश्वविद्यालय में आम्बेडकर सेंटर फॉर एक्सीलेंस(डीएसीई) के तत्वावधान में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. एमएम सेमवाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ नशे की कुरीति के विरुद्ध शपथ दिलाकर किया। इस मौके पर उन्होंन कहा कि सामाजिक न्याय तथा आधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में 15 अगस्त 2020 से नशा मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है । प्रो. सेमवाल ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है। यह युवा असीम ऊर्जा के भंडार हैं और युवाओं की इस ऊर्जा को सही दिशा में परिवर्तित करने की जरूरत है, जो इस समय नशे की गिरफ्त में आ गए हैं । युवाओं के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाकर उन्हें इससे बचाया जा सकता है। संचालन करते हुए शोध छात्रा शिवानी पांडे ने उत्तराखंड में नशे के बढ़ते कुप्रभाव पर चिंता व्यक्त की। शोध छात्रा विदुषी डोभाल ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर स्वराज की अवधारणा नशे की लत के कारण खतरे में पड़ रही है। शोध छात्रा मनस्वी सेमवाल, अंकित उछोली ने इसके मनोवैज्ञानिक – सामाजिक- शारीरिक समस्या के रूप में चिन्हित किया। अंग्रेज़ी विभाग के डॉ. नीतीश बौंठियाल, डॉ. नरेश कुमार, डा.आशुतोष गुप्ता,शोध छात्रा दीपांशी आदि ने भी इस मौके पर विचार व्यक्त किए।


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