
अल्मोड़ा। जिला पंचायत सभागार अल्मोड़ा में सोमवार को उत्तरांचल उत्थान परिषद की ओर से युवा पंचायत जनप्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका, उनके कर्तव्यों और ग्रामीण विकास में उनके योगदान को और अधिक प्रभावी बनाने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। कार्यक्रम की आवश्यकता और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए प्रांत सेवा प्रमुख पवन कुमार ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की भूमिका केवल विकास योजनाओं के क्रियान्वयन तक सीमित नहीं है। समाज को सही दिशा देना, सामाजिक समरसता को मजबूत करना और सभी वर्गों को साथ लेकर गांवों को आत्मनिर्भर बनाना भी उनकी जिम्मेदारी है। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर ने प्रतिनिधियों से गांवों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने परिवारों को एकजुट रखने, स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने, नागरिक कर्तव्यों के पालन और युवाओं को विकास कार्यों से जोड़ने पर जोर दिया। इस अवसर पर विभाग प्रचारक कमल ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि यदि समाज की जरूरतों को समझते हुए सेवा भाव से योजनाओं का क्रियान्वयन करें, तो गांवों में स्वरोजगार को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने ‘लोकल फॉर वोकल’ की अवधारणा को जमीनी स्तर पर उतारने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि संवेदनशीलता और दूरदर्शिता के साथ कार्य करने से ग्रामीण विकास की गति तेज हो सकती है। सम्मेलन के दौरान शिशु मंदिर जीवनधाम के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें दर्शकों ने सराहा। कार्यक्रम में संयोजक दीपक कन्नू शाह, सह-संयोजक प्रेम लटवाल, जिला प्रचारक वीरेंद्र, भाजपा जिला अध्यक्ष महेश नयाल, ब्लॉक प्रमुख नीमा आर्या, लमगड़ा ब्लॉक प्रमुख त्रिलोक रावत, जिला पंचायत सदस्य प्रदीप मेहता, आनंद कनवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

