बेटा राज धर्म का पालन करेगा, मैं अपने राष्ट्र धर्म का : यशवंत सिन्हा

नई दिल्ली (आरएनएस)। विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि 18 जुलाई राष्ट्रपति चुनाव व्यक्तिगत मुकाबले से कहीं अधिक है और सरकार की सत्तावादी प्रवृत्ति का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। चुनाव में अपने बेटे और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के समर्थन को लेकर उन्होंने कहा कि वह अपने राज धर्म का पालन करता है, मैं अपने राष्ट्र धर्म का पालन करूंगा।
यशवंत सिन्हा ने कहा, वह अपने बेटे और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा का समर्थन नहीं मिलने को लेकर किसी भी धर्म संकट में नहीं हैं। वह अपने राज धर्म का पालन करता है, मैं अपने राष्ट्र धर्म का पालन करूंगा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल भारत के राष्ट्रपति के चुनाव से अधिक है। यह चुनाव सरकार की सत्तावादी नीतियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। यह चुनाव भारत के लोगों के लिए एक संदेश है कि इन नीतियों का विरोध होना चाहिए।

मुर्मू को उतारना राजनीतिक प्रतीकवाद से ज्यादा कुछ नहीं
राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी नीत एनडीए ने आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामित किए जाने पर, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति को ऊपर उठाना पूरे समुदाय का उत्थान सुनिश्चित नहीं करता है और बीजेपी की ओर से द्रौपदी मुर्मू का मैदान में उतारना राजनीतिक प्रतीकवाद से ज्यादा कुछ नहीं है।

एक व्यक्ति का उत्थान पूरे समुदाय का आगे नहीं बढ़ाता
यशवंत सिन्हा ने कहा, सार्वजनिक जीवन के अपने लंबे अनुभव से, मैं कह सकता हूं एक व्यक्ति का उत्थान पूरे समुदाय को नहीं बढ़ाता है। पूरे समुदाय का उत्थान सरकार की ओर से अपनाई जाने वाली नीतियों पर निर्भर करता है। उन्होंने आगे कहा, इस पर और टिप्पणी किए बिना, मैं कहूंगा कि हमारे अपने इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां एक समुदाय में एक व्यक्ति के उत्थान ने उस समुदाय को एक इंच ऊपर खींचने में मदद नहीं की है। यह अधिक प्रतीकात्मक है और कुछ नहीं।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!