
देहरादून(आरएनएस)। वक्फ संपत्तियों को केंद्र सरकार के उम्मीद पोर्टल पर दर्ज करने की तारीख बढ़ाए जाने की मांग पर जमीयत उलमा ए हिंद की ओर से केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार एवं वक्फ बोर्ड को ज्ञापन दिया गया है। इस दौरान जमीयत जिलाध्यक्ष मौलाना अब्दुल मन्नान कासमी, कोषाध्यक्ष मास्टर अब्दुल सत्तार, नगराध्यक्ष मुफ्ती अयाज जामई, मौलाना अब्दुल वाजिद आदि मौजूद रहे। उधर, मुस्लिम मामलों के जानकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद सिद्दीकी ने कहा कि जो वक्फ संपत्तियां पहले से वक्फ बोर्ड एवं वामसी पोर्टल पर पंजीकृत हैं। उनके सर्वेक्षण और अपडेशन की जिम्मेदारी विधि अनुसार वक्फ बोर्ड की है। यह कार्य बोर्ड द्वारा नियुक्ति मुतवल्लियों एवं जहां पर नियुक्ति नहीं है बोर्ड के अधिकृत प्रतिनिधियों को करना चाहिए। वक्फ बोर्ड अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रहा है, इससे संपत्तियां पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पा रही है। ऐसे में संपत्तियां विवादित की श्रेणी में आ जाएगी। बहुमूल्य संपत्तियां खतरे में पड़ सकती है। उनके संरक्षण एवं स्वामित्व के अधिकार को गंभीर नुकसान की आशंका है। बता दें कि मुतवल्लियों की सुस्ती, पोर्टल की खामियों एवं दस्तावेजों के अभाव समेत कई दिक्कतों की वजह से महज दो सौ संपत्तियां ही रजिस्टर्ड हो पाई है। 31 अक्टूबर अंतिम तारीख रखी गई है। जबकि प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा संपत्तियां है।





