व्यापारियों ने फूंका जीएसटी का पुतला

बागेश्वर। जीएसटी नियमावली में व्यापक संशोधन होने से व्यापारियों में आक्रोशित हैं। उन्होंने शुक्रवार को एसबीआइ तिराहे में नई नियमावली के विरोध में पुतला फूंका। इसके अलावा व्यापारियों ने नारेबाजी के साथ कलक्ट्रेट में धरना भी दिया। उन्होंने कहा कि संशोधित नियमों से उनका व्यापार चौपट हो रहा है। व्यापारियों के हित में नियमों में शीघ्र बदलाव नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। भारत बंद के समर्थन में गरुड़, कपकोट, कौसानी, कांडा, भराड़ी, काफलीगैर, दुग नाकुरी आदि तहसीलों के व्यापारी बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने एसबीआइ तिराहे पर जीएसटी के नियमों के संशोधनों के विरोध में पुतला फूंका। इसके बाद कलक्ट्रेट में धरना दिया। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के हितों के लिए केंद्र सरकार को आवश्यक कदम उठाने होंगे। प्रदेश संगठन मंत्री मनीष जखवाल ने कहा कि एमनेस्टी स्कीम तुरंत लाई जाए। 50 लाख तक की बिक्री करने वाले व्यापारी को आउटपुट टैक्स का एक प्रतिशत ही जमा करने की व्यवस्था की जाए। कर की दर शून्य, पांच व 18 प्रतिशत की जाए। रिवाइज्ड रिटर्न का प्रावधान किया जाए। सजा का प्रावधान तो जीएसटी से हटाया जाए। जिलाध्यक्ष बबलू नेगी ने कहा कि गलत राशि भरने पर रिफंड समायोजन का प्रावधान किया जाए। कामन सर्विसेज पर दिए जाने वाले जीएसटी का इनपुट व्यापारियों को मिले। सीमित क्षेत्र में बिकने वाले ब्रांड को शून्य जीएसटी की श्रेणी में रखा जाए। जीएसटी रिटर्न फाइल करते समय अंतरराज्यीय बिक्री की जानकारी ना मांगी जाए।अग्रिम प्राप्त रकम पर जीएसटी जमा कराने का प्रावधान खत्म किया जाना किया जाए। इस मौक पर जिलाध्यक्ष बबलू नेगी, नगर अध्यक्ष हरीश सोनी, अनिल कार्की, राजेंद्र उपाध्याय, हेम जोशी, तारा दत्त तिवारी, मनीष पांडे, हरीश मनराल, नरेश उप्रेती, देवेंद्र अधिकारी, उमेश साह, नवीन लाल साह, मनोज अरोड़ा आदि मौजूद थे।

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