वृद्धावस्था पेंशन पाने को खुद को 60 वर्ष का दर्शाया, गिरफ्तार

रुद्रपुर। वृद्धावस्था पेंशन पाने के लिये 50 साल के अधेड़ ने फर्जी मुहर और दस्तावेज तैयार कर लिए। आरोपियों ने ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी की फर्जी मुहर का प्रयोग किया था। दस्तावेजों की जांच में मामला पकड़ में आया। ग्राम प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। सरकड़ा चौकी इंचार्ज ललित सिंह बिष्ट ने बताया कि ग्राम खुनसरा की प्रधान सीमा ने गांव के अमर सिंह, सलमता निवासी रंजीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि अमर सिंह, रंजीत सिंह ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। अमर सिंह करीब 50 वर्ष का है। उसने वृद्धा पेंशन पाने के लिये खुद के आधार कार्ड, राशनकार्ड में कूटरचना की। आरोपी ने खुद को 60 वर्ष का दर्शा दिया। कूटरचित दस्तावेजों की तस्दीक जब राजस्व निरीक्षक त्रिलोचन सुयाल के पास पहुंची तो उन्होंने ग्राम प्रधान से दस्तावेजों को पुष्ट करने के लिये कहा। ग्राम प्रधान ने खुद की फर्जी मुहर देखी तो वह हैरान रह गई। इसके बाद समस्त पत्रावलियों की जांच की गई। जांच में ग्राम विकास अधिकारी की मुहर साइन भी संदिग्ध मिले। पुलिस ने ग्राम प्रधान सीमा की तहरीर पर अमर सिंह, रंजीत के खिलाफ केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। चौकी इंचार्ज ने बताया कि रंजीत सिंह फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने में लिप्त था।
आवेदन का रिकॉर्ड नहीं रखने से बढ़ रहा फर्जीवाड़: पेंशन के आवेदनों पर कई विभागों के अफसरों की जांच रिपोर्ट लगती है। अफसर आय से लेकर आवेदक को तस्दीक करते हैं। आवेदनों पर ही इसकी रिपोर्ट लगा दी जाती है, लेकिन अलग से आवेदन और आय प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। इस वजह से पेंशन के मामलों में फर्जीवाड़ा हो रहा है। क्षेत्रीय समाज कल्याण अधिकारी हरजीत सिंह ने बताया कि पेंशन पर मासिक आय रिपोर्ट लगाने के बाद जिम्मेदार अफसर उसका रिकॉर्ड और क्रमांक साक्ष्य के रूप में अलग से दर्ज नहीं करते। इससे पेंशन के मामले में तथ्यात्मक जांच नहीं हो पाती। उन्होंने राजस्व निरीक्षक से मामले की शिकायत भी की है।