वोट बैंक की राजनीति करने में लगी है सरकार: येचुरी

धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने का काम किया जा रहा
चुनाव आयोग और सीबीआई की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े

देहरादून। मौजूदा समय में धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार वोट बैंक की राजनीति करने में लगी है। यह बात शुक्रवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कही। वह जैन धर्मशाला में आयोजित पार्टी के सातवें सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार के संरक्षण में हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन करवाकर संविधान की मूल भावना का अनादर कर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का कार्य किया जा रहा है। हमारी पार्टी और वामपंथी इसका घोर विरोध करते हैं। सीताराम येचुरी ने कहा कि देश में बेरोजगारी, भूखमरी लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना की वजह से देश में करीब सत्तर लाख लोगों की नौकरी गई है। सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। यह अपने आप में चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से संविधान को ध्वस्त करने की प्रक्रिया काफी तेज हुई है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग और सीबीआई की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए।

आधार को वोटर कार्ड से जोड़ना गलत:  सीताराम येचुरी ने कहा कि केंद्र सरकार आधार कार्ड को वोटर कार्ड से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोगों की सारी जानकारी सार्वजनिक होने से इसका गलत इस्तेमाल की संभावना रहेगी।

आपदा राहत के नाम पर भेदभाव क्यों:  सीताराम येचुरी ने कहा कि राज्यों में जब बाढ़ आती है तो केंद्र उन राज्यों को पहले बजट जारी करता है, जहां भाजपा की सरकार है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों से भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों से कहा कि उत्तराखंड राज्य में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करें।