वर्चुअल दुनिया से बाहर आएं अलका लांबा : ठाकुर
शिमला। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा भी मोदी बुखार से पीड़ित हैं। पूरी दुनिया में उनकी बढ़ती लोकप्रियता ने उनके संयम और समझ पर गहरा असर किया है। शायद इसीलिए बिना तथ्यों और सबूतों के देश में घट रही घटनाओं को मोदी सरकार और उनके साथी नेताओं को बदनाम करने के लिए मनोहर कहानियों की तरह पेश करना कांग्रेसियों का पार्ट टाइम काम हो गया है। मेरी उनको सलाह है कि तकनीक के इस युग में वर्चुअल (आभासी) लाइफस्टाइल अपनाना तो ठीक है, लेकिन राजनीति में भी वर्चुअल रहना घातक होता है। देश और जनता दोनों सच्चाई हैं इसलिए कहानियां गढ़ कर राजनीति चमकाने की कोशिशों से जितना जल्दी उबर जाएं उतना अच्छा होगा।
उन्होंने कहा कि अलका लांबा ने जिस तरह बिना किसी सबूत के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह उनकी राजनीतिक कुंठा को दर्शाते हैं। हिमाचल पुलिस की नशे के खिलाफ बड़ी कामयाबी भाजपा सरकार की साफ नीयत और पुलिस के काम में हस्तक्षेप न करने की रीति-नीति के कारण ही संभव हुआ है। शायद अलका लांबा कांग्रेस राज में हुआ गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड जैसा जघन्य अपराध भूल गई हैं। जिसमें कांग्रेस ने चहेतों को बचाने के लिए पुलिस के अफसरों को भी इस अपराध का भागीदार बनने को मजबूर कर दिया था। जेल में एक संभावित आरोपी की पिटाई से हुई मौत साबित करती है कि कांग्रेस का हाथ ही हमेशा अपराध के साथ रहा है। एक नेता को विश्लेषक होना चाहिए, लेकिन सभी तथ्यों को जांचने और परखने की समझ भी होनी चाहिए। मीठा-मीठा मुंह में और कड़वा थूकने वाले जनता के हितैषी तो कतई नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने पुलिस और कानून को अपराध को नकेलने के लिए पूरी स्वतंत्रता दे रखी है। यह इसी का परिणाम है कि नशे की बड़ी खेप पकड़ी गई। गुजरात से हिमाचल के रास्ते में पूरा राजस्थान और पंजाब भी आता है, वहां तो कांग्रेस की ही सरकार है। कांग्रेस सरकारें इतनी ही मुस्तैद हैं तो वहां नशा क्यों नहीं पकड़ा गया। वहां कांग्रेस ने किसके साथ भागीदारी निभाई यह भी स्पष्ट हो जाता तो जनता को आरोप परखने में आसानी होती।