विकास प्राधिकरण निरस्तीकरण का शासनादेश जारी करने की मांग को किया प्रदर्शन

पिथौरागढ़। विकास प्राधिकरण निरस्तीकरण का जीओ जारी करने की मांग पर विभिन्न संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा हमें भाजपा सरकार पर विश्वास नहीं है। पिछले मुख्यमंत्री ने भी प्राधिकरण स्थगित करने की घोषणा की थी, लेकिन उसका शासनादेश जारी करने की जगह यथावत रखने को 26 दिन बाद नए रास्ते तलाशने को बैठक की। अब नए सीएम ने प्राधिकरण निरस्त करने की ही घोषणा की है। इसका जीओ जारी करने में हो रही देरी से सरकार की बातों में विश्वास नहीं किया जा सकता। मंगलवार को संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न संगठन के लोग मोर्चा के संयोजक एडवोकेट मोहन चंद्र भट्ट के नेतृत्व में गांधी चौक पहुंचे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा पर्वतीय प्रदेश के लोग लंबे समय से प्राधिकरण निरस्तीकरण की लड़ाई लड़ रहे हैं। भारी जनाक्रोश को देखते हुए पिछले मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण स्थगित करने का फैसला लिया, लेकिन उसका शासनादेश जारी करने की जगह यथावत रखने को नए रास्तों की तलाश की। जिस कारण उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।कहा अब नए सीएम ने प्राधिकरण निरस्तीकरण का फैसला लिया है। कहा इन हालातों में प्रदेश की जनता भाजपा पर कैसे विश्वास करेगी। पहले से ही इस काले कानून से डरे लोगों को विश्वास दिलाने के लिए सरकार को जल्द प्राधिकरण निरस्तीकरण का जीओ जारी करना होगा। लेकिन जीओ जारी करने में हो रही देरी से सरकार की कथनी और करनी में लोग भेद नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने कहा सरकार स्पष्ट फैसले में हमेशा पीछे रही है। इस दौरान लोगों ने शीघ्र शासनादेश जारी करो के नारे लगाए। चेतावनी देते हुए कहा जब तक शासनादेश जारी नहीं हो जाता उनका संघर्ष जारी रहेगा। प्रदर्शन करने वालो में सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के महामंत्री दयानंद भट्ट, सीयूमो के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन शर्मा, संयुक्त संघर्ष मोर्चा कोर कमेटी के सदस्य सुशील खत्री, चंद्रप्रकाश पुनेड़ा, सुरेश जोशी, शंकर राम, बुद्धिबल्लभ, योगेश तिवारी, हरीश कुमार, गिरीश जोशी शामिल रहे।