वन पंचायतें उत्तराखण्ड में वनों की सजग प्रहरी: डीएफओ

कुमाऊँ का पहला 3 डी प्रोजेक्टर लगा सोनी बिनसर में


अल्मोड़ा। 21 मार्च रविवार को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर यहां सोनी बिनसर रानीखेत में वन विभाग ने भव्य आयोजन किया। यहां तैयार किए गए नेचर इंटरपिटेशन और कैंप साईट में वृहद कार्यक्रमों की श्रृखला में जहां स्कूली छात्रों को कैंप साईट दिखाई गई वहीं सरपंचों के साथ वन संरक्षण पर मंथन किया गया। इस अवसर पर वनाधिकारी अल्मोड़ा महातिम सिंह यादव ने वन पंचायतों के इतिहास पर प्रकाश डाला और कहा कि ब्रिटिश काल के बाद उत्तराखण्ड के वनों के संरक्षण में इनका गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। उन्होंने वृहद गोष्ठी में क्षेत्र के 74 सरपंचों को लीसा फसल 2015 का 33 लाख 62 हजार रुपये का भुगतान किया। स्थानीय दलमोटी और भटोलिया के सरपंच गोपाल सिंह व धरम सिंह को सम्मानित किया गया। उनके द्वारा लीसा राॅयल्टी की धनराशि का सदुपयोग करते हुए वन पंचायत में नर्सरी और पौधरोपण किया गया। विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर अल्मोड़ा एसएसजे कैंपस के दो दर्जन और देवलीखेत जीआईसी के 4 दर्जन से अधिक छात्रों को नेचर लर्निंग के साथ वर्ड वाचिंग कराई गई। मौके पर चिड़िया विशेषज्ञ कल्याण सिंह सजवाण मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दणिकी कुमाऊं वृत्त और नीरज श्रीवास्तव द्वारा उन्हें चिड़िया जगत की जानकारी दी गई। इस अवसर पर वनाधिकारी श्री यादव ने बताया कि नेचर इंटरपिटेशन सेंटर में जहां 9 टैंट और 5 शौचालय एक कैंटीन आदि लगाए गए हैं वहीं यहां एक डाॅरमेट्री के साथ 3डी प्रोजेक्टर से सभागार को सुसज्जित कर दिया गया है। उन्होंने बताया की समीपवर्ती गांवों की महिलाएं समूहों के माध्यम से यहां का संचालन करेंगी। यहं केंद्र लगातार विकिसित किया जा रहा है। लगभग 10 से 15 हेक्टेअर में फैला यह क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों के लिए तैयार है। इस अवसर पर सोनी, देवली आदि गांवों के ग्रामीणों के अतिरिक्त एसडीओ रानीखेत गणेश देवली, आरओ रानीखेत हरीश कुमार टम्टा, आरओ गगास, नवीन कुमार टम्टा, आदि ने भी अपने विचार रखे।

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