
रुद्रप्रयाग/केदारनाथ। पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए विधिवत बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के इस पावन अवसर पर पूरी केदारपुरी ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय केदार’ के जयघोष से गूंज उठी। भक्तिमय वातावरण में श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहित भावुक होकर भगवान केदारनाथ को शीतकालीन यात्रा के लिए विदा करते दिखाई दिए।
इस धार्मिक अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी केदारनाथ पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन किए और प्रदेश की सुख-समृद्धि तथा जनकल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा केदार की असीम कृपा से उत्तराखंड निरंतर विकास के मार्ग पर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जो राज्य की धार्मिक आस्था और समृद्धि का प्रतीक है।
कपाट बंद होने की संपूर्ण प्रक्रिया मुख्य पुजारी रावल और बदरी-केदार मंदिर समिति के अधिकारियों की देखरेख में सम्पन्न हुई। परंपरा के अनुसार, अब भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना होगी, जहां पूरे शीतकाल के दौरान पूजा-अर्चना की जाएगी।
कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का शीतकालीन चरण आरंभ हो गया है। प्रशासन ने धाम क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने और लौट रहे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।






