उत्तरकाशी में पंचकोसी वारूणी यात्रा में उमड़े श्रद्धालु

उत्तरकाशी(आरएनएस)।  जिले की प्रसिद्ध पंचकोसी यात्रा में गुरुवार को भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। धार्मिक और पौराणिक महत्व वाली इस यात्रा में श्रद्धालुओं ने जहां एक साथ देवी-देवताओं के दर्शन किए, वहीं अश्वमेघ यज्ञ जैसे फल की प्राप्ति की कामना की। 15 किमी इस पैदल यात्रा के दौरान बसूंगा, साल्ड, ज्ञाणजा, संग्राली, पाटा, गंगोरी और लक्षेश्वर के स्थानीय ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं की खूब आवभगत की और उनको चौलाई के लड्डू, आलू के गुटके, चाय, बुरांश का जूस पिलाया। उत्तरकाशी जिले में पंचकोसी यात्रा चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन होती है। 15 किमी लंबे इस यात्रा मार्ग पर व्यास कुंड गौतम गंगा, तपलिनी ऋषि की गुफा और कई देवस्थान हैं। गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के जत्थे वारुणी यात्रा पर निकलने शुरू हुए। करीब 15 किमी लंबी इस पदयात्रा के पथ पर बड़ेथी संगम स्थित वुरणेश्वर, बसूंगा में अखंडेश्वर, साल्ड में जगरनाथ और अष्टभुजा दुर्गा, ज्ञाणजा में ज्ञानेश्वर और व्यास कुंड, वरुणावत पर्वत शीर्ष पर शिखरेश्वर और विमलेश्वर महादेव के बाद श्रद्धालुओं ने संग्राली गांव पहुंच बाड़ाहाट क्षेत्र के आराध्य देव कंडार देवता, पाटा में नर्वदेश्वर मंदिर में जलाभिषेक व पूजा अर्चना करने के गंगोरी में अस्सी गंगा और भागीरथी के संगम पर स्नान किया।

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