उत्तराखंड रोडवेज में 70 ड्राइवर और कंडक्टरों की नौकरी पर संकट, जबरन रिटायरमेंट का नोटिस

देहरादून। रोडवेज में 70 ड्राइवर-कंडक्टरों का नौकरी का हटना तय हो गया। प्रबंधन ने सभी को जबरन सेवानिवृत्ति के नोटिस थमा दिया हैं। कर्मचारियों को 90 को दिन बाद सेवानिवृत्त समझा जाएगा।
रोडवेज में कई ड्राइवर-कंडक्टर अक्षम होने का हलफनामा देकर बस संचालन और परिचालन के बजाय दफ्तरों में डटे हुए थे। प्रबंधन ने ऐसे ड्राइवर-कंडक्टरों की चिन्हित कर सूची बनाई। इसमें 84 ड्राइवर-कंडक्टरों के नाम सामने आए। प्रबंधन ने 14 ऐसे ड्राइवर-कंडक्टर छोड़कर जो बस ड्यूटी में अक्षम हुए बाकी सभी 70 को जबरन सेवानिवृत्ति के नोटिस भेज दिए हैं। जिन्हें 90 दिन बाद रिटायर समझा जाएगा। इससे रोडवेज के कर्मचारी संगठनों में आक्रोश है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि अक्षम कर्मचारियों को जबरन रिटायर करना उचित नहीं है। जो कर्मचारी सेवाकाल में अक्षम होते हैं, उनको कानून का भी संरक्षण होता है। बावजूद प्रबंधन नियम विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है।
कहा कि रोडवेज में 500 ऐसे कर्मचारी हैं, जो अपने पद के अनुरूप काम नहीं कर रहे है, पहले इन कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष मेजपाल सिंह ने भी प्रबंधन की कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि प्रबंधन अपने फैसले को वापस नहीं लेता है तो कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। मंडलीय प्रबंधक (संचालन) संजय गुप्ता ने बताया कि मंडल में अक्षम कर्मचारियों को नोटिस भेज दिए हैं। सभी अपना मूल काम छोड़कर अन्य काम कर रहे थे। इसलिए अनिवार्य रिटायरमेंट के नोटिस दिए हैं। नोटिस तिथि के 90 दिन बाद कर्मचारियों को रिटायर समझा जाएगा।

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