राज्य में किडनी मरीजों के लिए निःशुल्क डायलिसिस सुविधा: डॉ. धन सिंह रावत

उत्तराखंड में तीन वर्षों में 3053 किडनी रोगियों को मिला निःशुल्क डायलिसिस का लाभ
देहरादून। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। बीते तीन वर्षों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 3053 किडनी रोगियों को निःशुल्क डायलिसिस सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इन मरीजों को अब तक कुल 2.88 लाख से अधिक बार सफलतापूर्वक डायलिसिस प्रदान किया गया है, जो प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और प्रभावशीलता का प्रमाण है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि राज्य सरकार की निगरानी और क्रियान्वयन व्यवस्था के चलते यह योजना निरंतर सफल हो रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न सरकारी चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों में 166 डायलिसिस मशीनों के माध्यम से नियमित रूप से रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेशभर में 101 हीमो डायलिसिस मशीनों की मदद से 821 मरीजों को 78,773 बार डायलिसिस की सुविधा मिली, वहीं 17 मरीजों को पैरिटोनियल डायलिसिस भी उपलब्ध कराया गया। अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 129 मशीनों की सहायता से 984 मरीजों को 95,248 बार डायलिसिस की सेवा दी गई और 26 पैरिटोनियल मरीजों को उपचार मिला। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में मशीनों की संख्या बढ़कर 166 हो गई, जिनके माध्यम से अब तक 1174 किडनी रोगियों को 1,13,345 बार डायलिसिस की सुविधा दी जा चुकी है, जबकि 31 मरीजों को पैरिटोनियल डायलिसिस से उपचार मिला।
मंत्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में छह नए डायलिसिस केंद्रों की स्थापना का निर्णय लिया गया है। ये केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेरीनाग (पिथौरागढ़), जिला अस्पताल बौराड़ी (टिहरी), गोविंद सिंह महर राजकीय चिकित्सालय रानीखेत (अल्मोड़ा), उप जिला चिकित्सालय मसूरी (देहरादून) और उप जिला चिकित्सालय काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) में खोले जाएंगे।