यूपीईएस में मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘ज्योति-विजय’ छात्रवृत्ति का शुभारंभ

सीमांत गांवों को गोद लेकर विकास करें निजी संस्थान : सीएम

देहरादून।  बुधवार को देहरादून के बिधौली में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए ‘ज्योति छात्रवृत्ति’ एवं खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए ‘विजय छात्रवृत्ति’ का शुभारम्भ किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं परम्पराओं के संवर्द्धन, संरक्षण और अध्ययन के लिए सेंटर फॉर कल्चर एंड आर्ट एवं भारतीय पुरातन ज्ञान को नई पीढ़ी से जोड़ने के उद्देश्य से ‘सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज’ की स्थापना की गई है।  जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थित में किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के आने से केवल उनमें पढ़ने वाले छात्रों का जीवन ही नहीं संवरता है बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों के जीवन में भी अनेक बदलाव आते हैं।  ऐसे में स्थानीय स्तर पर लोगों के आजीविका के संसाधन भी बढ़ते हैं।  उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सीमान्त क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यूपीईएस द्वारा क्या योगदान दिया जा सकता है, इस दिशा में विश्वविद्यालय को ध्यान देना होगा।  उन्होंने कहा कि यूपीईएस द्वारा होनहार गरीब एवं प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए छात्रवृत्ति की शुरुआत की गई है वह सराहनीय प्रयास है।
निजी संस्थान जिस जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उसी जिम्मेदारी के साथ वे राज्य के सीमांत और पिछड़े गांवों को गोद लेकर उनका विकास करें। उनमें शोध करें और उनके विकास में भागीदार बनें। उत्तराखंड में इकोनॉमी के साथ ईकोलॉजी के क्षेत्र में भी काम की जरूरत है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में विकास के लिए सरकार होम स्टे को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की कोशिश कर रही है। उन्होनें कहा कि निजी संस्थानों और सरकार को मिलकर मिलकर प्रदेश के विकास में भागीदारी निभानी होगी।