यूपीसीएल के बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

देहरादून(आरएनएस)।   यूपीसीएल की ओर से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने सवाल उठाए। कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार नियमित रूप से बिजली सप्लाई देने में नाकाम रही है। अब हर महीने बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कर उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। तत्काल बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को वापस लिया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बिजली की दरों में 23 से 27 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस प्रस्ताव को किसी भी सूरत में जनहित में नहीं कहा जा सकता है। बिजली महंगी होने से पहले ही महंगाई से जूझ रही जनता पर और अधिक बोझ पड़ेगा। इस दोहरी मार से आम जनता की वित्तीय रूप से कमर टूट जाएगी। कहा कि ऊर्जा प्रदेश का दावा करने वाले उत्तराखंड में जहां आम लोगों को सस्ती बिजली मिलनी चाहिए थी, वहां लोगों को हर महीने बिजली दरों में बढ़ोत्तरी से जूझना पड़ रहा है। कहा कि जिन राज्यों में उत्तराखंड से भी कम बिजली पैदा होती है, वहां भी बिजली सस्ती है। कहा कि यूपीसीएल अतिरिक्त बिजली खरीद का बोझ भी आम जनता पर डाल रहा है। रिनोवेशन, नवीनीकरण के नाम पर एडीबी से लिए जा रहे अरबों के नए लोन का बोझ भी जनता पर पड़ेगा। कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों के कारण गरीब और आम आदमी पहले से ही महंगाई की मार से त्रस्त है। राज्य सरकार ने वर्ष 2017 से 2023 के बीच छह साल के अन्तराल में बिजली के दामों में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि की है।
कहा कि गैस पॉवर प्लांट से जुड़ी कंपनियों को भी बिना बिजली लिए हर महीने करोड़ों का भुगतान किया जा रहा है। आम जनता पर डाले जाने वाले अनावश्यक इस बोझ को समाप्त किया जाए। इसके बाद भी यदि सरकार ने बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को वापस नहीं लिया तो सड़कों पर आंदोलन शुरू होगा। कहा कि जनता पहले ही पेट्रोल, डीजल, गैस की मंहगाई से परेशान है।