उत्तराखंड में वनीकरण हेतु बने नई नीति : उक्रांद

अल्मोड़ा। आज उत्तराखंड क्रांति दल जिला अल्मोड़ा इकाई द्वारा जिलाधिकारी अल्मोड़ा कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री उत्तराखंड को ज्ञापन प्रेषित करते हुए वनीकरण हेतु नई नीति बनाने जाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले दिनों वन मंत्री द्वारा राज्य में विकास कार्यों के बदले वनीकरण हेतु भूमि उपलब्ध न होने से अन्य राज्यों में भूमि तलाशने संबंधी बयान दिया गया, इसलिए सरकार को चाहिए कि राज्य में वनीकरण नीति में बदलाव कर नई भूमि में वनीकरण के स्थान पर पुराने वनों में सघनीकरण के कार्य में उपलब्ध धन को खर्च किया जाय क्योंकि कटान एवं आग लगने से उत्तराखंड के बहुत से जंगलों में पेड़ों का घनत्व अत्यंत कम हो गया है तथा अधिकांश जंगलों में एक ही प्रजाति के पेड़ हैं इसलिए जंगलों को मल्टीस्टोरी, मल्टीकास्ट जंगलों के रूप में विकसित किया जाय। ज्ञापन में नदियों, गाढ़, गधेरों के जल स्तर में हो रही निरंतर कमी को देखते हुए इनके स्रोतों को पुनर्जीवित करने हेतु जलागम क्षेत्रों में जल संग्रहित करने वाले पोंधों के रोपण की मांग भी की गयी है। उक्रांद नेताओं ने सड़कों के किनारे त्रिस्तरीय वृक्षारोपण की मांग ज्ञापन में करते हुए कहा है कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में जान माल की क्षति को भी रोका जा सकेगा ज्ञापन में अन्यान्य कारणों से कृषि के उपयोग में नहीं लाई जा रही निजी भूमि को भी भू स्वामियों की सहमति व वहां लगाये वृक्षों में मालिकाना हक देकर वनीकरण के उपयोग में लाये जाने की मांग की है, ऐसा करने से उत्तराखंड राज्य के धन को उत्तराखंड में ही खर्च किया जा सकेगा। ज्ञापन में भूमि की कमी को देखते हुए तुंरत सशक्त प्रभावी भू-कानून लागू करने की भी मांग की गयी है। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में उक्रांद के केन्द्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मानन्द डालाकोटी, जिलाध्यक्ष शिवराज आदि शामिल रहे।


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