उद्योगों को कुशल मजदूरों की जरूरत…

कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभी वापस लौटना संभव नही हो पा रहा

रुडकी। अनलॉक में कामकाज आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों को कुशल मजदूरों की जरूरत है। लॉकडाउन में वापस लौटे यूपी, बिहार के करीब दस हजार मजदूर वापस नहीं लौट पा रहे हैं। कोरोना जांच, क्वारंटाइन के कारण उद्योग और मजदूर दोनों ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। मार्च माह में लॉकडाउन के कारण कुछ उद्योगों को छोडक़र बाकी उद्योग बंद हो गए। उद्योगों के बंद होने के कारण प्रवासी मजदूर भी अपने घरों को लौट गए। भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र और रुडक़ी के औद्योगिक क्षेत्र में आसपास के क्षेत्रों के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर भी काम करते थे। इसमें से कई लंबे समय से काम कर रहे थे और कुशल श्रमिकों की श्रेणी में आते थे। बीस अप्रैल के बाद सरकार ने उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ चलाने की अनुमति दी। उसके बाद धीरे-धीरे उद्योगों में काम शुरू हो गया। हालांकि, काम अभी शत प्रतिशत नहीं हो पा रहा है। साठ से 75 फीसदी के बीच उत्पादन अलग-अलग इकाइयों में हो रहा है। भगवानपुर में करीब 400 और रुडक़ी में करीब 250 उद्योग हैं। उद्योगों को वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की जरूरत महसूस हो रही है। इसमें से अधिकतर कुशल श्रेणी के मजदूर हैं। इससे उद्योगों को काम करने में सहूलियत होती। लेकिन कोरोना के मामले घटने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं।
हरिद्वार जिले में भी रोज नए मामले आ रहे हैं। प्रशासन ने उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों की भी कोरोना जांच के लिए कहा है। उद्योग और वापस लौटे प्रवासी मजदूर एक दूसरे के संपर्क में तो हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में उनकी वापसी नहीं हो पा रही है। मजदूर और उद्यमी दोनों ने ही हाथ पीछे खींचे हैं। वापसी पर कोरोना जांच से लेकर क्वारंटाइन तक के नियमों का पालन करना होगा। ऐसे में अगर बाहर से आया कोई मजबूर संक्रमित होता है तो उद्योगों के लिए भी परेशानी बढ़ जाएगी। कोरोना संकट में मजदूर भी अपने परिवार से दूर आने से कतरा रहे हैं। भगवानपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के महासचिव गौतम कपूर का कहना है कि करीब आठ हजार प्रवासी मजदूर लौटे हैं। उनके संपर्क में उद्योग हैं। वह भी वापस काम पर आना चाहते हैं। कोरोना को लेकर जो स्थिति है उसे देखते हुए अभी वापस लौटना संभव नहीं हो रहा। रुडक़ी स्माल स्केल इंडस्ट्री एसोसिएशन से जुड़े केतन भारद्वाज का कहना है कि उद्योग खुले हैं तो काम हो रहा है। उनका अनुमान है कि रुडक़ी से करीब डेढ़ हजार प्रवासी मजदूर वापस लौटे। उनका कहना है कि अभी उनकी वापसी के हालात नहीं दिख रहे हैं।

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