
रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। पंचकेदारों में तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट 6 नवम्बर को वैदिक मंत्रों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके लिए बदरी-केदार मंदिर समिति तैयारियां कर रही है। शीतकाल के छह माह भगवान की पूजा अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में की जाएगी। आगामी 6 नवम्बर को करीब 11.30 बजे विधि-विधान के साथ भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बन्द किए जाएंगे। इसी दिन भगवान की तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। 7 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कू बैण्ड, हूण्हू व वनातोली को रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी। 8 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुन से प्रस्थान कर शीतकालीन गद्दीस्थल मार्केडेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होगी। जिसको लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति ने तैयारियां अंतिम चरण में है। मंदिर समिति के प्रबंधक बलवीर नेगी ने बताया कि 6 नवम्बर को लगभग साढे 11 बजे तुंगनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। साथ ही डोली प्रस्थान का कार्यक्रम के अनुसार 8 नवम्बर को डोली अपने शीतकालीन गददीस्थल में विराजामन होगी। बताया कि मंदिर समिति की ओर से सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।




