त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने दिया इस्तीफा

त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वो भी तब जब राज्य में 2023 के विधानसभा चुनाव में बमुश्किल आठ महीने बचे हैं। इस्तीफे के बाद त्रिपुरा में नए नेता का चुनाव करने के लिए आज शाम 8 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। बीजेपी आलाकमान की ओर से इसकी निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े को नियुक्त किया गया है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार त्रिपुरा के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद बिप्लब देब ने कहा है कि “पार्टी चाहती है कि मैं संगठन को मजबूत करने के लिए काम करूं।” ANI की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि “राज्य में बीजेपी का आधार मजबूत करने के लिए मुझे विभिन्न क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है। आने वाले विधानसभा चुनावों में फिर से बीजेपी सरकार बनाने के लिए सीएम की स्थिति में रहने के बजाय मुझे एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहिए”।

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और त्रिपुरा में पर्यवेक्षक बनाए गए भूपेंद्र यादव ने कहा है कि “बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व में राज्य में विकास के कार्य बहुत हुए हैं। उनका बहुत प्रभावी योगदान रहा है। उन्होंने अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया है. शाम को पार्टी के विधायक दल की बैठक होगी। नए नेतृत्व का चुनाव होगा।”
त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री के दावेदारों की रेस में जिष्णु देव वर्मा, माणिक साहा और प्रतिमा भौमिक का नाम सबसे आगे चल रहे है। बिप्लब कुमार देब ने एक दिन पहले ही दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

विधानसभा चुनाव में बीजेपी की 35 सीटों पर जीत हुई थी
गौरतलब है कि 2018 में बिप्लब देब त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बने थे, जब बीजेपी ने पहली बार राज्य में इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन में सरकार बनाई और वाम मोर्चे के लगभग 25 साल लंबे शासन को समाप्त किया।

2018 में त्रिपुरा में विधानसभा की 59 सीटों पर चुनाव हुए थे। बीजेपी को 35 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं सीपीआई (एम) को 16 और आईपीएफटी को 8 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी और सीपीआई (एम) को लगभग बराबर वोट मिले थे. बीजेपी को 43.4% और सीपीआई (एम) को 43.2% वोट मिले थे।

बिप्लब कुमार देब ने क्यों दिया इस्तीफा?
अगले साल की शुरुआत में ही त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बंगाल में पकड़ मजबूत करने के बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस अब त्रिपुरा में भी काफी सक्रिय नजर आ रही है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि चुनाव से पहले बीजेपी ने पार्टी को मजबूत करने के लिए बिप्लब कुमार देब की जगह नये चेहरे को राज्य की कमान सौंपने का कदम उठाया है।