तिब्बती धर्म गुरू की रिहाई को दून में अनशन

देहरादून। मंगलवार को रीजनल तिब्बती वूमेन एसोसिएशन और रीजनल तिब्बतन यूथ कांग्रेस के बैनर तले तिब्बती समुदाय के लोग गांधी पार्क में जुटे। जहां उन्होंने अपना एक दिवसीय अनशन राष्ट्रीय गीत गाकर शुरू किया। आंदोलनकारियों ने कहा कि वर्ष 1989 में दसवें पंचन लामा के बाद गेदहून चोइकी नइमा को 11वां पंचम लामा चुना गया था। छह वर्ष की आयु में उन्हें चीन की सरकार ने अगवा करवा दिया। अब 27 साल बीतने के बाद भी 11वें पंचन लामा का कोई अता पता नही है। उन्होंने चीन से आग्रह किया गया कि पंचन लामा को सामान्य जीवन जीने के लिए रिहा किया जाए।

विश्व के सभी हिस्सों में रहने वाले तिब्बती उनके स्वस्थ होने की कामना करने के साथ यह जानना चाहते हैं कि वह इस समय कहां हैं व किस हाल में हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से अपील की गई है कि चीन 11वें पंचन लामा को सामान्य जीवन जीने दें। आंदोलनकारियों ने कहा कि तिब्बत पर कब्जा करने वाला चीन आज भी वहां पर लोगों के खिलाफ दमनकारी नीतियां अपना रहा है। वहां पर तिब्बती लोगों के साथ अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि तिब्बत के मुद्दों पर शांतिपूर्वक हल निकाला जाए। भूख हड़ताल में रीजनल तिब्बती वूमेन एसोसिएशन की अध्यक्ष तेनजिन डेचेन, डेचेन यौदों, तेनजिन डोलमा, नागवांग, त्सोमो आदि शामिल रहे।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!