टीएचडीसी-पुनर्वास विभाग के खिलाफ की नारेबाजी

नई टिहरी। बांध प्रभावित तिवाड़ और मरोड़ा गांव के ग्रामीणों का भूमि के बदले भूमि की मांग को लेकर सामूहिक धरना-प्रदर्शन झील किनारे 14 वें दिन भी जारी रहा। धरने को 14वें दिन प्रतापनगर के ब्लाक प्रमुख प्रदीप चंद रमोला सहित बोट यूनियन ने अपना समर्थन दिया। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी एक सूत्रीय मांग को शीघ्र पूरा किया जाए। इस मौके पर ग्रामीणों ने टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। सोमवार को मरोड़ा और तिवाड़ गांव के ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन के दौरान पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी के खिलाफ रोष जाहिर किया। ग्रामीणों ने कहा कि जो उनकी भूमि बांध के कारण जलमग्न हुई है, उसके बदले में उन्हें पुर्नवास नीति के तहत भूमि दी जाए। कहा कि उनकी मांग को टालकर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। 2004 में टिहरी जलाशय बनने से कोटी गाड नामे तोक में ग्रामीणों की 200 नाली भूमि डूबी है। 50 प्रतिशत से कम प्रभावित होने के कारण विस्थापन नहीं हुआ, लेकिन डूबी भूमि के बदले भूमि देने का प्रावधान पुर्नवास नीति में है, जिस पर अमल नहीं किया जा रहा है। मुआवजा एसएलओ में जमा है। जिसे लेने को ग्रामीण सहमत नहीं हैं। ग्रामीण भूमि के बदले भूमि की मांग कर रहे हैं। प्रमुख प्रदीप चंद रमोला ने ग्रामीणों की मांग को जायज बताते हुए सरकार से मांग पूरी करने की मांग की। धरना-प्रदर्शन करने वालों में कुलदीप पंवार, बालम सिंह, दिनेश पंवार, साब सिंह, नरेंद्र सिंह रावत, गुलाब सिंह पंवार, जसपाल नेगी, सुंदर सिंह रावत, मगन सिंह, शूरवीर सिंह, सोबनी देवी, प्रमिला देवी, सुमन पंवार, उषा पंवार, पुष्पा देवी, मंजू देवी, सुमित्रा देवी, जगदेई देवी, दीप, लक्ष्मी, कौरी देवी सहित दर्जनों शामिल रहे। धरने को समर्थन देने वाले बोट यूनियन के लोगों में बीरेंद्र नेगी, अनुज उनियाल, मालिगा, बीजू, संजय, मनवीर, नवीन साही, पवन, प्रदीप, मनोज रावत, सचिन आदि शामिल रहे।