स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने में टेलिमेडिसिन लाभकारी: मीनू

ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में टेलीमेडिसिन सोसायटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में शनिवार को उत्तराखंड स्टेट चैप्टर का शुभारंभ हुआ। वक्ताओं ने टेलीमेडिसिन और टेलीएजुकेशन को स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए बेहद लाभकारी तकनीक बताया। शनिवार को एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ टेलीमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया की अध्यक्ष व एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन पर आधारित इस मेडिकल सुविधा से शीघ्र ही देश के अन्य मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों को भी जोड़ा जाएगा। उत्तराखंड और हिमाचल जैसे विषम भौगोलिक स्थिति वाले पहाड़ी राज्यों के लिए टेलीमेडिसिन की इस तकनीक से दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिया जा सकता है। हेल्थ केयर और बेहतर शिक्षा के लिए तकनीक आधारित इस सुविधा का व्यापक प्रसार करने के लिए विभिन्न स्तर पर योजना तैयार की जा रही है। टेलीएजुकेशन सुविधा के उपयोग से सुदूर क्षेत्र के डॉक्टरों की स्किल्स भी विकसित की जा सकेगी। वर्तमान में कोटद्वार स्थित बेस अस्पताल और मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी एम्स ऋषिकेश की टेलीमेडिसिन सुविधा से सीधे जुड़े हैं और शीघ्र ही इस सुविधा से राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों को भी जोड़ा जाएगा। टीएसआई के सचिव डॉ. मूर्ति रमेला ने देशभर की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए तकनीक आधारित टेलीमेडिसिन सुविधा के बारे में बताया। मौके पर टीएसआई की उपाध्यक्ष प्रो. शालिनी राजाराम, डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, डॉ. राजन अरोड़ा, टीएसआई उत्तराखंड स्टेट चैप्टर के सचिव डॉ. अंकुर मित्तल, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अंशुमन दरबारी, डॉ. अरूप कुमार मंडल, कॉलेज ऑॅफ नर्सिंग की प्रिन्सिपल डॉ. स्मृति अरोड़ा, पीपीएस विनीत कुमार आदि उपस्थित रहे।