इंडी गठबंधन के लिए कोई भी हिंदू नहीं : सुधांशु त्रिवेदी

देश की 140 करोड़ जनता कह रही है ‘हम हैं मोदी का परिवार : भाजपा

नई दिल्ली (आरएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा की इंडी गठबंधन के नेताओं के द्वारा खासकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी से भागने पर घेरा और उनपर जांच में सहयोग न करने का आरोप भी लगाया।  देश में प्रयोगात्मक और जातिगत राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं, आज का समय  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व में विकासात्मक राजनीति का है। त्रिवेदी ने लालू प्रसाद यादव द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान की भर्त्सना करते हुए कहा कि ज्यों-ज्यों देश लोकसभा चुनाव की ओर आगे बढ़ रहा है, त्यों-त्यों बेचैन और परेशान विपक्ष की तथाकथित मुहब्बत की दुकान से जहरभरे सामान निकल कर सामने आ रहे हैं। विगत 18 वर्षों के लंबे समय से पूरे देश ने देखा है कि विपक्ष ने  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के प्रति ईर्ष्या, द्वेष, ग्लानि, पराजय की कुंठा और हीन भावना से ग्रस्त होकर जिस प्रकार के ओछे स्तर के नितांत व्यक्तिगत बयान दिए हैं, उनकी भारतीय राजनीति में आज तक कोई मिसाल नहीं है।  देश के प्रधानमंत्री के प्रति इस तरह निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग करना दुखद: और कष्टकारक है।
त्रिवेदी ने कहा कि  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने पिछले 10 वर्षों में 10 घंटे का भी अवकाश नहीं लिया है और आए दिन छुट्टी मनाने विदेश जाने वाले लोग आज प्रधानमंत्री जी को शिक्षा दे रहे हैं।  त्रिवेदी ने लालू प्रसाद यादव पर तंज कसते हुए कहा कि सूप बोले तो बोले, छलनी भी बोले, जिसमें सौ छेद। जो लोग सनातन धर्म के समूल नाश के विषय पर कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हैं, उत्तर भारत में हिंदू धर्म को धोखा बताते हैं, जिनकी सरकार के शिक्षा मंत्री हिंदू धर्म को पोटेशियम साइनाइड यानि जहर बताते हैं और जो लोग रामचरित मानस और हिंदू धर्मग्रंथों के बारे में अनाप शनाप और अंत्यंत निंदनीय बयानबाजी करते हैं, अब वो लोग हिंदू होने के प्रमाण पत्र बांटने लगे हैं। अगर लालू प्रसाद यादव के शिक्षा मंत्री ने तनिक शिक्षा हिंदू धर्म से ली होती तो उन्हें समझ आता कि सनातन धर्म पुत्र का नहीं अपितु शिष्य को महत्व दिया जाता है, इसके पौराणिक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि श्री राम के शिष्य हनुमान जी के हजारों मंदिर हैं लेकिन उनके पुत्र लव-कुश का मंदिर नहीं है। द्रोणाचार्य के लिए अश्वत्थामा का स्थान नहीं, अर्जुन का स्थान ऊंचा है क्योंकि वो उनके शिष्य थे। भगवान राम ने अपनी सारी शक्ति भगवान हनुमान को दी, द्रोणाचार्य ने अपनी विद्या अपने पुत्र को नहीं अपने शिष्य अर्जुन को दी और भारत की परंपरा ही गुरू शिष्य परंपरा है, पिता पुत्र परंपरा नहीं। हिंदू धर्म को ऊपर बयानबाजी करने वाली इन लोगों को पहले समझना चाहिए कि हिंदू धर्म क्या है।सुधांशु त्रिवेदी ने  परिवारवाद पर प्रहार करते हुए हुए कहा कि राजतंत्रीय परिवारों के बरखुरदार और लोकतंत्र के अलमबरदार बन कर खड़े किसी भी विपक्षी नेता का लक्ष्य भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र और विश्वगुरू बनाने का नहीं है। विपक्ष का लक्ष्य है अगर 2047 तक इनकी पार्टी रहे तो सत्ता इनके परिवार के हाथ में रहे और सिर्फ इनके परिवार की अर्थव्यवस्था मजबूत हो, लेकिन प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  का लक्ष्य भारत को विकसित और मजबूत करने का है। भाजपा का संकल्प है ‘हम रहें न रहें, भारत रहना चाहिए’ जबकि विपक्ष के लिए देश नहीं बल्कि उनके परिवार का रहना महत्वपूर्ण है।  सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान गृह मंत्री  अमित शाह द्वारा पारिवारिक दलों पर कटाक्ष करने की बात को दोहराया। इन 7 पारिवारिक दलों के अलमबरदारों का उद्देश्य अपने भाई भतीजों को सत्ता की कुर्सी पर बिठाना है। लालू, शरद पवार, स्टालिन और ममता अपने बेटे-भतीजों को ही सीएम बनाना चाहते हैं। स्वर्गीय मुलायम सिंह अपने बेटे को सीएम बना कर ही गए। विपक्ष की सोच भारत की पहचान को टुकड़ों में बांटकर अपने परिवार का स्थान ऊंचा रखना चाहती है। ये सब नेता जो कहते हैं हम गरीब, दलित और पिछड़े की बात करते हैं सत्ता में आने के बाद सबसे तेजी से इन्ही की संपत्ति बढ़ती है।  त्रिवेदी ने लालू प्रसाद यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 1990 में जब श्री लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी हुई थी तो लालू प्रसाद यादव ने कहा था ‘हिन्दू कुछ नहीं होता, जात बिरादरी का देश है और राम लला क्या अंदर खड़े थे?’ ये कहने वाले और गरीब गुरबा की सरकार बताने वाला परिवार आज बिहार का सबसे अमीर परिवार है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा नई वाली प्रयोगधर्मी राजनीति अब रेडियोधर्मी क्षय की तरह हो गई है और पुरानी जाति, क्षेत्र, भाषा में तोडक़र बनाए रखने वाली राजनीति का समय अब चला गया है और अब असली एवं विकासात्मक राजनीति का समय है। अंत में  त्रिवेदी ने तथाकथित मोहब्बत की दुकान से निकले हुए असली जहर के सामान वाले इस गठबंधन के प्रति पूरी भाजपा की ओर से वेदना व्यक्त करते एवं विश्वास जताते हुए और कहा कि जनता  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  पर निरंतर की गई ओछी टिप्पणियों का उचित और करारा जवाब देगी। राज्यसभा सांसद ने इसे रहीम दास की पंक्ति के साथ बताया ‘जो बड़ेन को लघु कहें, नहिं रहीम घटि जाहिं, गिरधर मुरलीधर कहे, महिमा बदलत नाहिं’। जिसका अर्थ है कि किसी बड़े व्यक्ति छोटा सिद्ध करने के प्रयास से वो छोटा नहीं होता जैसे भगवान कृष्ण को गोवर्धन पर्वत उठाने वाला गिरधर कहा जाए या छोटी सी मुरली उठाने वाला मुरलीधर कहा जाए, उनकी महिमा में कोई अंतर नहीं आएगा।  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी पर ओछी टिप्पणी करने का ये प्रयास निष्फल होगा और जनता भारतीय जनता पार्टी को भरपूर आशीर्वाद देकर इसका उचित प्रत्युत्तर देगी।

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