सूख गई मेकांग नदी, चीन ने बांध बनाकर रोका पांच देशों का पानी, 7 करोड़ लोग प्रभावित

पेइचिंग। दुनिया के सामने चीन का अमानवीय चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है। चीन ने बड़े-बड़े बांध बनाकर दक्षिण पूर्व एशिया की गंगा कही जाने वाली मेकांग नदी का प्रवाह ही रोक दिया है। ड्रैगन की इस करतूत के कारण कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम में हाहाकार मचा हुआ है। मेकांग नदी आयोग ने चिंता जताते हुए कहा कि नदी में जल का स्तर वास्तव में चिंतनीय स्तर तक कम हो गया है। चीन के इस कदम से 5 देशों के लगभग 7 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

चीन के जिंगहोंग बांध के कारण मेकांग नदी सूखी

थाईलैंड-लाओस की सीमा पर मेकांग नदी एक महत्वपूर्ण जलमार्ग का काम करती है। लेकिन पानी की कमी के कारण यहां नावों को चलाना अब मुश्किल हो गया है। प्रवाह रुकने का कारण मेकांग नदी का पानी जो पहले गंदा भूरा दिखता था वह अब नीला हो गया है। यह सब चीन के युनान प्रांत में जिंगहोंग बांध में पानी को रोके जाने के कारण हुआ है।

मेकांग नदी आयोग ने चीन के सिर फोड़ा ठीकरा

मेकांग नदी आयोग ने कहा कि पानी की कमी का प्रमुख कारण चीन के बड़े-बड़े बांध और सहायक नदियों के क्षेत्र में वर्षा के घटते स्तर के कारण हुआ है। मेकांग नदी आयोग सचिवालय के तकनीकी सहायता प्रभाग के निदेशक विनाई वोंगपिमूल ने कहा कि चीन के जिंगहोंग बांध के आगे के इलाके में मेकांग नदी का पानी बहुत कम हो गया है। इस तरह के उतार-चढ़ाव से 7 करोड़ लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।

मेकांग के बहाव वाले देशों से बांध का डेटा छिपा रहा चीन

अमेरिकी-वित्त पोषित मेकांग डैम मॉनिटर की सैटेलाइट तस्वीरों से भी चीन के जिंगहोंग डैम से पानी के प्रवाह में उतार-चढ़ाव देखा गया है। यह एजेंसी एशिया में नदियों के प्रवाह को मॉनिटर करने के लिए सैटेलाइट तस्वीरों को जारी करती है। चीन ने पिछले साल एमआरसी सदस्य देशों लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम के साथ बांधों से डेटा साझा करने का वादा किया था, लेकिन इसे कभी पूरा नहीं किया।

इन देशों में सूखे के लिए चीन दोषी

मेकांग नदीं पूर्वी एशिया में 70 मिलियन लोगों की जीवन रेखा है। कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम की मीडिया ने देश में सूखे को लेकर कई रिपोर्ट्स को जारी किया है। जिसमें सूखे के लिए चीन के बांध को दोषी बताया गया है। चीन अपने जलविद्युत परियोजना और सिंचाई के लिए मेकांग नदी के 47 अरब क्यूबिक मीटर पानी का उपयोग कर रहा है।