सीटू ने धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस
रुद्रप्रयाग। सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने अपना स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस मौके पर वक्ताओं ने यूनियन को लेकर अपने विचार रखे। साथ ही मजदूर एवं किसानों के हित में कार्य करने का संकल्प लिया। मंगलवार को सीटू अध्यक्ष लक्ष्मी देवी की अध्यक्षता में तिलवाड़ा में एक सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर सीटू के जिला महामंत्री वीरेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि आजादी के दौरान 1926 में इंडियन ट्रेड यूनियन एक्ट बनने के साथ ही मजदूरों को यूनियन बनाने का अधिकार मिला। 30 मई 1970 को सीटू ट्रेड यूनियन की स्थापना हुई थी। अपने स्थापना के साथ सीटू मजदूरों के संघर्ष को आगे बढ़ाने की समझ के चलते आज मजदूरों का सबसे बड़ा एवं अनुशासित संगठन बन गया है। किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल ने कहा कि अंग्रेजों के शासन से पहले जंगलों का प्रंबधन जनता के हाथ में था। और गांव की पंचायतें ही सब कुछ तय करती थी। और सरकार का जंगलों पर कोई हस्तक्षेप नहीं था। कहा कि अंग्रेजों की तर्ज पर टिहरी रियासत ने भी लोगों के जंगलों पर अंकुश लगाया। अपने वनों के हक के लिए 30 मई 1930 को रवांई क्षेत्र के हजारों किसान तिलाडी के मैदान में एकत्रित हुए। टिहरी रियासत ने किसानों की आवाज दबाने के लिए गोलियां चलाई, लेकिन किसान विचलित नही, और संगठित होकर आजाद पंचायत एवं प्रजामंडल की स्थापना कर राजशाही का अंत करने का फैसला लिया। इस अवसर पर जय सिंह नेगी, घूरी देवी, गीता देवी, कलम सिंह, मदनसिंह, नरेन्द्र रावत, कमला देवी, जसोदा देवी, विमलादेवी, महावीर सिंह समेत बड़ी संख्या में सीटू के कार्यकर्ता मौजूद थे।