
रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में गुरुवार को भी वाहनों की आवाजाही घंटों बंद रही। बुधवार देर रात मलबा आने के कारण बंद हाईवे गुरुवार सुबह 10 बजे बाद वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु किया गया। इस दौरान सुबह से ही तीर्थयात्री एवं स्थानीय लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में बरसात शुरू होते ही लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गई है। बीते कई साल गुजर गए किंतु इस संवेदनशील स्थान का स्थाई ट्रीटमेंट नहीं हो सका है। हालांकि बाईपास पुल और सड़क बनने के बाद कुछ वर्षो में इससे निजात तो मिलेगी लेकिन जब तक बाईपास सड़क और पुल निर्माण नहीं हो जाता, तब तक यहां लोगों की मुश्किलें बरकरार रहेंगी। बुधवार देर रात सिरोबगड़ में मलबा आने के कारण वाहनों की आवाजाही बंद हो गई थी। जिससे यात्री एवं अन्य आवश्यक वाहनों ने खांकरा-छांतीखाल और खांकरा-खेड़ाखाल वैकल्पिक मोटर मार्ग से आवाजाही की। सुबह सवा दस बजे सिरोबगड़ में आवाजाही के लिए खोला गया। हालांकि यहां वाहनों की आवाजाही के दौरान पहाड़ी से पत्थर गिरने का निरंतर खतरा बना है।
स्थानीय निवासी बुद्धिबल्लभ मंमगाई, प्रदीप मलासी, नरेंद्र मंमगाई, शैलेंद्र गोस्वामी, मोहित डिमरी, बंटी जगवाण, जितार जगवाण आदि ने कहा कि सिरोबगड़ वर्षो से नासूर बना है। इसके ट्रीटमेंट की वर्षो से मांग की जा रही है पर किसी ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। आज भी लोगों को यहां जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर्याप्त मशीनें, मैन पॉवर और सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाने चाहिए ताकि हाईवे बंद होने की स्थिति में त्वरित उसे खोला जा सके।