शोध कार्यों के लिए 40 लाख की अनुदान राशि स्वीकृत

श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखण्ड श्रीनगर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में सेवारत डॉ. स्मिता (प्रधान अन्वेषक) और डॉ. शशांक भातरा (सह-प्रधान अन्वेषक) को शोध कार्यों के लिए साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार की ओर से लगभग 40 लाख रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर एलपी अवस्थी ने सिविल इंजीनियरिंग विभाग के संकाय सदस्यों को कोर रिसर्च ग्रांट प्राप्त करने के लिए बधाई दी। उन्होंने पूरे उत्साह के साथ शोध करने के लिए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा की शोध कार्य की सफलता शोध की विषयवस्तु से निर्धारित होती है। इस प्रोजेक्ट का विषय सामाजिक समस्या पर आधारित है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में इमारतों में संरचनात्मक व्यवस्था जमीन पर बने भवनों से काफी भिन्न होती है। अतः इस शोध के परिणाम निःसंदेह रोचक और लाभकारी होंगे। प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए डॉ. स्मिता और डॉ. भातरा ने कहा कि इस परियोजना में विभिन्न प्रकार के भवन संरचनाओं के लिए उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल और कुमाउ मंडलों में विभिन्न स्थानों पर अध्ययन किए जाने का प्रस्ताव है।

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