शिलगुर महाराज की पालकी बाणाधार से भूठ के लिए रवाना

विकासनगर। खत बाणाधार में डेढ़ साल के प्रवास के बाद शिरगुल महाराज की पालकी रविवार को अगले पड़ाव खत फनार के भूठ गांव के लिए रवाना हुई। शुभ मुहूर्त में गाजे बाजे के साथ सुबह 11 बजे महाराज की पालकी मंदिर के गर्भगृह से बाहर निकली। जिसके बाद पालकी शक्तिपीठ काली माता मंदिर में देव मिलन को गई। शिलगांव खत के छजाड़ गांव से डेढ़ साल पूर्व शिरगुल महाराज बाणाधार के बाणा गांव में प्रवास पर आए थे। अब महाराज का अगला पड़ाव खत फनार का भूठ गांव निर्धारित किया गया, जहां एक साल का प्रवास होगा। महाराज की पालकी लेने के लिए हथवाड़ शनिवार रात ही बाणाधार पहुंच गए थे। रविवार सुबह निमगा, केराड़ होते हुए रात्रि पूजन (बागड़ी) के लिए देर शाम पटियूड़ पहुंची। सोमवार को भी देव पालकी यहीं विश्राम करेगी। दो मई को डांगूठा पहुंचेगी, दो रात्रि विश्रज्ञम के बाद चार मई को शिरगुल महाराज की पालकी भूठ गांव में पहुंचेगी, जहां विधि-विधान पूर्वक गर्भगृह में विराजमान होगी। देव पालकी के साथ बजीर मेजर सिंह शर्मा, सदर स्याणा सरदार सिंह रावत, जोइसाणी सदर स्याणा महेंद्र सिंह, कुंवर सिंह, लछीराम, बलवीर राणा, रमेश चौहान, हरपाल चौहान, मनीष चौहान, विरेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।


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