शिक्षा प्रेरकों ने किया हक की लड़ाई लड़ने का ऐलान

बागेश्वर। ढाई साल से बेरोजगारी की मार झेल रहे शिक्षा प्रेरकों ने हक की लड़ाई लडऩे का ऐलान किया है। कपकोट ब्लॉक के प्रेरकों ने बैठक कर सरकार से रोजगार की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी परेशानी का सरकार ने जल्द निदान नहीं किया तो प्रेरकों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। प्रेरक संगठन की कपकोट ब्लॉक इकाई की रविवार को बैठक हुई। ब्लॉक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह गडिय़ा ने कहा कि साल 2010 से शिक्षा प्रेरक अल्प वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। इससे उनकी रोजी-रोटी भी चल रही थी। सितंबर 2017 में सरकार ने योजना को बंद कर दिया। इसके बाद से प्रेरक बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार तमाम योजनाएं लाकर रोजगार देने के दावे करती हैं, लेकिन सात साल की सेवा के बाद नौकरी से हटाए गए प्रेरकों की सुध नहीं ली जा रही है। उन्होंने कहा कि काफी उम्मीद के बाद अब प्रेरकों में सरकार की अनदेखी से रोष पनप रहा है। उन्होंने सरकर से प्रौढ़ शिक्षा या अन्य किसी भी योजना के तहत प्रेरकों को रोजगार देने की मांग की। उन्होंने जल्द समस्या का निदान नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी। इस मौके पर मनोज सिंह भौर्याल, उमेश चंद्र सिंह, मीरा कोरंगा, आशा आर्या, जीतेंद्र प्रसाद, विमला देवी, हरीश राम, जगत सिंह खाती, नंदी राठौर, हीरा देवी, दीपा कोरंगा आदि मौजूद रहे।