कृत्रिम झील को विकसित करने की मांग मुखर

बागेश्वर(आरएनएस)।  शंभू नदी में तीसरी बार बनी कृत्रिम झील को विकसित करने की मांग मुखर हो गई है। कुंवारी के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री तथा पर्यटन मंत्री से साहसिक पर्यटन तथा वोकल फार लोकल को लाभ पहुंचाने के लिए झील का संरक्षण कराने की मांग की। 2018 से कुंवारी गांव में भूस्खलन हो रहा है। जिसका मलबा शंभू नदी में गिर रहा है। लगभग 600 मीटर कृत्रिम झील बनी है। उपजिलाधिकारी कपकोट अनुराग आर्य की टीम ने निरीक्षण कर लिया है। जल निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था, अतिरिक्त मलबा हटाने तथा क्षेत्रफल बढ़ाने पर मंथन किया है। झील के दोनों तरफ पक्की चट्टान है। आसपास गांव नहीं है। भविष्य में इससे कोई खतरा नहीं है। झील का ट्रीटमेंट किया जा सकता है। ब्लाक प्रमुख गोविंद दानू ने कहा कि कृत्रिम झील को पर्यटन विभाग विकसित करे। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। लोकल फार वोकल में मोटा अनाज यहां पैदा होता है। जैविक उत्पादन को बढ़ेगा। महिला समूहों को उत्पादन, विक्रय के साथ ही होमस्टे खोले जा सकते हैं। चमोली गढ़वाल से लगता क्षेत्र है। वेदनी बुग्याल, प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर, सुंदरढूंगा आदि आने वाले साहसिक पर्यटकों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कुंवरगढ़ यानी चमोली गढ़वाल कुमाऊं से बद्रीनाथ धाम के लिए शंभू नदी में मोटर पुल की घोषणा की है। भविष्य में मोटर मार्ग बनने से कुमाऊं से भक्त बद्रीनाथ धाम भी जा सकेंगे। धार्मिक पर्यटन भी बढ़ेगा। इस दौरान खीम सिंह दानू , वीरेंद्र सिंह, खुशाल राम, महेंद्र सिंह, केशर सिंह आदि मौजूद थे।

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