सेना भर्ती रैली में 35 युवकों को फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ पकड़ा

कोटद्वार। उत्तराखंड में कोटद्वार के कौडिय़ा स्थित विक्टोरिया क्रास गबर सिंह कैंप में आयोजित सेना भर्ती रैली के 12वें दिन देहरादून और हरिद्वार जिले की एक-एक तहसील क्षेत्र के 2432 युवाओं ने दमखम दिखाया। इस दौरान करीब 35 मुन्ना भाई पकड़े गए। सैन्य अधिकारियों ने उन्हें फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ पकडक़र कैंप से बाहर खदेड़ दिया गया। वहीं, 382 युवकों ने निर्धारित समय में 1600 मीटर दौड़ पूरी कर भर्ती के अगले पायदान पर कदम रखा।  बृहस्पतिवार को सेना भर्ती अधिकारी कर्नल विनीत बाजपेयी के मार्गदर्शन में हरिद्वार जिले की लक्सर और देहरादून जिले की देहरादून तहसील क्षेत्र के युवाओं की भर्ती आयोजित की गई। भर्ती के लिए उक्त तहसीलों से 3455 युवाओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था, लेकिन भर्ती रैली में 1023 युवाओं के अनुपस्थित रहने के कारण 2432 युवा ही भर्ती में शामिल हो सके। सुबह पांच बजे से कोटद्वार के काशीरामपुर तल्ला से गबर सिंह कैंप के इंट्री प्वाइंट पर युवाओं की लाइन लग गई। कोविड-19 रिपोर्ट देखी गई। इसके बाद प्रारंभिक लंबाई जांच, प्रवेश पत्रों के बार कोड और युवकों के प्रमाणपत्रों की प्रारंभिक जांच की गई, जिसमें करीब 35 युवकों को फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ पकड़ा गया।

जवाब नहीं दे सके युवक: ड्यूटी पर तैनात सेना के अधिकारियों ने बताया कि युवकों के पास बुलंदशहर और मुजफ्फर नगर के शैक्षणिक प्रमाणपत्र थे, जबकि उनका मूल निवास हरिद्वार और देहरादून का था। प्रमाणपत्रों के फर्जी होने का अंदेशा होने पर उनसे हाईस्कूल पास करने का वर्ष पूछा गया, जिस पर वे जवाब नहीं दे सके। प्रमाणपत्रों की जांच के बाद सही पाए गए 2432 युवकों को कैंप के बलवीर सिंह स्टेडियम में लाया गया, जहां पर आयोजित 1600 मीटर दौड़ में 382 युवकों ने सेना के मानकों के अनुरूप दौड़ पूरी की। इसके बाद युवकों का डिजिटल पंजीकरण और शारीरिक परीक्षण किया गया। सेना भर्ती अधिकारी विनीत बाजपेयी ने बताया कि भर्ती रैली के दौरान पूरी पारदर्शिता अपनाई जा रही है। युवा दलालों के चक्कर में फंसकर फर्जी प्रमाणपत्रों माध्यम से भर्ती होने का प्रयास करते हैं। अब 01 जनवरी 2021 (शुक्रवार) को देहरादून जिले की चकराता, विकासनगर और त्यूनी तहसील क्षेत्र के युवाओं की भर्ती आयोजित की जाएगी।