सौंग बांध प्रभावितों के विस्थापन की नीति जारी, मिलेगा बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा

देहरादून। दून शहर को 24 घंटे पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी पेयजल परियोजना के लिए प्रभावितों के विस्थापन की कार्यवाही आगे बढ़ी है। शासन ने विस्थापन और मुआवजे के लिए नीति जारी कर दी है। सिंचाई सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से सौंग बांध पेयजल परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए नीति जारी की गई है। नीति के अनुसार, प्रभावित डूब क्षेत्र का आकलन जलाशल के एफआरएल 980 मीटर से तीन मीटर ऊपर तक आने वाली भूमि एवं भवनों का विस्थापन किया जाएगा। इसमें 2013 के अधिनियम के अनुसार प्रावधान लागू होंगे। प्रभावित खातेदार जिनकी 50 प्रतिशत से अधिक की भूमि अधिग्रहित होगी, वह पूर्ण प्रभावित की श्रेणी में आएंगे। ऐसे खातेदार जिनकी भूमि 50 प्रतिशत से कम अधिग्रहित होगी, वह आंशिक प्रभावित की श्रेणी में आएंगे। पूर्ण प्रभावित परिवार को अधिग्रहित भूमि के ऐवज में आधा एकड़ विकसित कृषि भूखंड और 200 वर्ग विकसित आवासीय जमीन आवंटित की जाएगी। यदि कोई परिवार भूमि नहीं लेना चाहता है तो उन्हें भूमि का नकद मुआवजा दिया जाएगा। आंशिक प्रभावित परिवारों को भूमि का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा बाजार मूल्य या सर्किल रेट जो अधिकतम होगा उससे चार गुना मिलेगा। पंजीकरण शुल्क और स्टांप ड्यूटी परियोजना भुगतान करेगी। इसके अलावा दुकान, पशुबाड़ा, पेड़ आदि का भी मुआवजा मिलेगा। कारीगर और छोटे व्यापारियों के लिए मुआवजे का प्रावधान है। विस्थापितों को आरक्षण का लाभ विस्थापित क्षेत्र में भी मिलेगा।
हाई पावर कमेटी लेगी कोई भी फैसला: सौंग बांध परियोजनों को लेकर एक समन्वय समिति गठित की गई है, जो प्रभावितों और शासन के बीच समन्वय का काम करेगी। वहीं उच्च स्तरीय समिति (हाई पावर कमेटी) पुनर्वास नीति लागू होने के बाद इसकी व्यवहारिक कठिनाइयों और प्रभावित परिवारों से संबंधित विषयों पर निर्णय लेगी।
सौंग बांध से 275 परिवार प्रभावित: सौंग बांध परियोजना साइट देहरादून के मालदेवता से करीब 10किमी दूर है। बांध से टिहरी जिले का अधिकांश हिस्सा प्रभावित हो रहा है। देहरादून जिले का भी कुछ हिस्सा डूब क्षेत्र में है। परियोजना की जद में 275 परिवार आ रहे हैं। राजस्व रिकार्ड के अनुसार इसमें 147 खातेधारक हैं। 10.318 हेक्टेयर निजी जमीन और 128 हेक्टेयर वन भूमि इसके दायरे में आ रही है। 38 पक्के घर, 11 कच्चे घर, धार्मिक स्थल आदि प्रभावित क्षेत्र में शामिल हैं। सौंग बांध को लेकर विस्थापन की अधिसूचना मार्च 2021 में लागू हो गई थी। तब से क्षेत्र में धारा 11 लागू है। इसमें ग्रामीण कोई भी नया निर्माण नहीं कर सकते हैं।
दून शहर के अहम है परियोजना: इस प्रोजेक्ट के बनने के बाद देहरादून शहर में पानी की दिक्कत दूर हो सकेगी। बांध बनने के बाद पेयजल सप्लाई के लिए 14.70 किमी लंबी मुख्य पाइप लाइन और 120 किमी लंबी पेयजल सप्लाई लाइनों का निर्माण होगा। सौंग से लाए गए पानी को रिस्पना और बिंदाल नदी में भी छोड़ा जाएगा।