सरकारी स्कूलों के छात्रों के पास किताबें नहीं होने पर स्कूल प्रबंधन से लेकर सीईओ स्तर तक के अधिकारी होंगे जवाबदेह: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे

देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी स्कूल आने वाले हर छात्र-छात्रा को अनिवार्य रूप से किताब उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने नया फरमान जारी किया है। शिक्षा विभाग के अफसरों को लगातार औचक रूप से स्कूलों का मुआयना करते हुए छात्रों के बैग भी चेक करने होंगे। यदि छात्र के पास किताब नहीं होगी तो संबंधित स्कूल प्रबंधन से लेकर सीईओ स्तर तक के अधिकारी जवाबदेह होंगे।

मंत्री ने कहा कि मुफ्त किताब योजना के तहत सभी छात्रों के लिए डीबीटी माध्यम से धन जारी किया जा चुका है। शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के 200 स्कूलों में रोजगार की पढ़ाई के आठ विभिन्न ट्रेड के साथ ही स्थानीय बर्तन, रिंगाल, आदि लोक कलाओं को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।

एक सितंबर से चलेगा प्रवेशोत्सव अभियान

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए एक सितंबर से प्रदेश स्तर पर प्रवेशोत्सव अभियान चलाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी और शिक्षक अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की सुविधाओं, शैक्षिक गुणवत्ता की जानकारी दें। साथ ही गरीब और पिछड़े वर्ग के शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल में एडमिशन कराने पर विशेष फोकस रखा जाए।

स्कूल आने वाले हर छात्र-छात्रा के पास किताब होनी चाहिए। अधिकारी-शिक्षक यह सोचकर अभियान चलाएं कि जब वो अपने बच्चों को बिना किताब स्कूल नहीं भेजते तो उनके स्कूल में आने वाले एक बच्चा बिना किताब के स्कूल क्यों आए? सरकार ने किताबों के लिए डीबीटी के जरिए सभी पैसा जारी कर दिया है।

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