
नई दिल्ली। सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए काम की खबर है। सरकार ने सेवानिवृत्ति पर मिलने वाला सभी तरह के पेंशन लाभ को बिना देरी किए समय पर देने किया फैसला लिया है। दरअसल, विभाग ने पाया है कि नियमों और निर्देशों में निर्धारित समयसीमा और भविष्य सॉफ्टवेयर (ऑनलाइन पेंशन स्वीकृति और भुगतान ट्रैकिंग प्रणाली) के माध्यम से प्रक्रियाओं का सरल और सुव्यवस्थित करने के बावजूद पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) और सेवानिवृत्ति लाभ देरी से देनी के बहुत सारे मामले प्रकाश में आए हैं।
सेवानिवृत्ति का लाभ देने में देरी न हो इसके लिए सरकार ने सभी विभाग के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह खुद से पेंशन के मामले की निगरानी करें। इसके साथ यह भी सहमति बनी है कि पेंशन मामलों की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक कार्यालय/ विभाग में एक प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा। इसमें ‘भविष्य सॉफ्टवेयर’ से उपलब्ध जानकारी का उपयोग किया जाएगा। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के अवसर पर कार्यालयों में अक्सर विदाई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अगर किसी विभाग को पेंशन प्रक्रिया में देरी का मामला मिलता है तो उसे आगे इसकी जानकारी देनी होगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक विभाग द्वारा प्रशासनिक मंत्रालय/ विभाग के सचिव को एक अर्धवार्षिक विवरण देने को कहा जा सकता है उन मामलों को लेकर जिनमें सेवानिवृत्ति के दो महीने से अधिक होने के बावजूद पीपीओ जारी नहीं किया गया है।
सरकारी कर्मचारी को समय पर पेंशन और ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए पेंशन नियम 1972 में एक समयसीमा निर्धारित की गई है। समयसीमा के अनुसार, सेवा के सत्यापन और अन्य तैयारियों की प्रक्रिया एक साल पहले शुरू करनी है। वहीं, सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से छह महीने पहले फॉर्म जमा करना, जबकि कार्यालय प्रमुख को चार महीने पहले पीएओ के पास पेंशन का मामला भेजना जरूरी है।