सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में अतिथि शिक्षक
हल्द्वानी। तदर्थ नियुक्ति का शासनादेश जारी न होने, कई जिलों में वेतन रोके जाने से नाराज अतिथि शिक्षक दोबारा सरकार के खिलाफ लामबंदी की तैयारी में हैं। मामले में उत्तराखंड माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। उत्तराखंड में करीब 4000 से अधिक अतिथि शिक्षक वर्तमान में स्कूलों में कार्यरत हैं। संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि दिसंबर 2022 में अतिथि शिक्षकों ने देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरना दिया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी और विद्यालयी शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वार्ता के लिए बुलाया और आश्वस्त किया कि अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य को लेकर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था। कुछ दिनों बाद विद्यालयी शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह और सीएम से संघ ने दोबारा मुलाकात की। यहां भी पूर्व में किए गए वादे के अनुरूप शासनादेश जल्द जारी करने का आश्वासन मिला, लेकिन एक माह बीत जाने के बावजूद सरकार ने अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य के लिये कोई निर्णय नहीं लिया है। निदेशालय की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए चेताया कि यदि जल्द सरकार ने तदर्थ नियुक्ति की मांग न मानी तो अतिथि शिक्षकों को मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिथि शिक्षकों का कई जनपदों में दीर्घकालिक अवकाश का वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में वेतन रोका जा रहा है।