सर्दी में कई गुना बढ़ जाता है ब्रैन हैमरेज का खतरा

ऋषिकेश। सर्दी में ब्रेन हेमरेज स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसका मुख्य कारण ठंड में रक्त नलिकाओं के सिकुडने के साथ-साथ रक्त का गाढ़ा होना और हाई ब्लड प्रेशर होना भी है। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. रंजीत कुमार के अनुसार ब्रेन स्ट्रोक कई प्रकार का होता है। इसमें एक स्ट्रोक रक्त वाहिकाओं में थक्का जमने पर होता है। इसे इस्केमिक स्ट्रोक कहते हैं। यह दो तरह का होता है, थांब्रोटिक व इंबोलिक। इसके अतिरिक्त दूसरा हेमेरेजिक स्ट्रोक होता है, जोकि रक्तवाहिका के क्षतिग्रस्त होने से होता है। ठंड के दिनों में हेमेरेजिक स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसमें ठंड लगने से रक्तवाहिका सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। लिहाजा, ब्रेन में रक्त वाहिकाएणं क्षति हो जाती हैं। ऐसे में ठंड से बचना चाहिए और ब्लड प्रेशर के मरीज को नियमित रूप से दवा लेते रहना चाहिए। उच्चरक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग या उच्च कोलस्ट्राल से पीड़ित रोगी को स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है। कम उम्र के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के अलावा मुख्य कारण धमनी में एन्यूरिजन की बीमारी होती है, इसके फटने के कारण ब्रेन हेमरेज होता है।

स्ट्रोक के लक्ष्ण: डॉ. रंजीत कुमार ने बताया कि शरीर के एक ही तरफ के हाथ या पैर में सुन्नपन, झनझनाहट होना, कमजोरी महसूस होना, अचानक लडख़ड़ाना, चक्कर आना, बोलने या समझने में मुश्किल, धीरे या अस्पष्ट बोलना, एक या दोनों आंखों से देखने में कठिनाई, तेज सिरदर्द होना, बेहोशी, होंठ और आंख एक तरफ लटक जाए तो यह स्ट्रोक के लक्षण हैं।

कैसे करें स्ट्रोक से बचाव: पर्याप्त नींद लें। तनाव से दूर रहें। धूमपान और शराब का सेवन न करें। सुबह-शाम टहलने के समय में बदलाव कर लें। सर्द हवा में बाहर न निकलें। ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक न पिएं। गुनगुना पानी और गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें। वजन पर नियंत्रण रखें। नियमित समयांतराल में रक्तचाप की जांच कराएं। ब्लड प्रेशर और शुगर के रोगी दवा बंद न करें।

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