संविधान दिवस पर सोबन सिंह जीना परिसर में कार्यक्रम आयोजित

अल्मोड़ा। संविधान दिवस के अवसर पर एसएसजे परिसर में कार्यक्रम आयोजित हुए। परिसर के इतिहास विभाग व विधि विभाग में संविधान दिवस मनाया गया। इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. सुशील कुमार जोशी द्वारा संवैधानिक मूल्यों एवं अधिकारों कर्तव्यों पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. जगत सिंह विष्ट द्वारा संविधान की प्रासंगिकता एवं भारत की बहुल सामाजिक-सांरकृतिक विरासत को एक सूत्र में बाँधने वाले स्रोत के रूप में संविधान के महत्व पर चर्चा की गई। वहीं परिसर के विधि विभाग में संविधान दिवस के अवसर पर विधि विभाग में संविधानवाद और संविधान के लागू होने के 75 वर्ष से अधिक समय में संविधान के समक्ष उपस्थित चुनौतियां और संविधान को किस प्रकार से रक्षित किया जाए और संविधान वाद की भावना में किस प्रकार से वृद्धि की जाए इस विषय पर चर्चा हुई। संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर जे एस बिष्ट ने कहा कि संविधान देश की सर्वोच्च विधि है प्रत्येक नागरिक को अपने अंतकरण से इसका सम्मान अपने मन वचन एवं कम से करना चाहिए। वरिष्ठ प्रोफेसर दिनेश कुमार भट्ट ने कहा कि भारत का संविधान नागरिकों के समानता स्वतंत्रता एवं न्याय के मौलिक मानव अधिकारों के सतत गारंटी प्रदान करते हुए भारत को एक संप्रभु लोकतंत्र के रूप में सफलता की बाध्यकारी एवं मार्गदर्शन विधि है। वरिष्ठ प्रोफेसर अमित पंत ने कहा की संविधान सर्वोच्च विधि है विधि के विद्यार्थियों को प्रत्येक दिवस इसका मनन करना चाहिए। विभाग अध्यक्ष डीपी यादव ने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक के मूल अधिकारों की गारंटी है। वरिष्ठ प्रोफेसर अरशद हुसैन ने कहा कि संविधान के प्रस्तावना का अक्षरशह पालन और आत्मसात करना चाहिए। वरिष्ठ प्रोफेसर पी एस बोरा ने कहा कि संविधान मूल अधिकार के सुरक्षा की गारंटी देता है। कार्यक्रम में विधि के छात्रों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विधि विभाग के प्रोफेसर फराह दीवा, पुष्पेश जोशी, प्रियंका सिंह, वंदना टम्टा आदि शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में विनोद तिवारी, भूपेंद्र सिंह नेगी, अनिरुद्ध पंत, भारत भट्ट, नितेंद्र बिष्ट, अमित बोरा, अनुष्का पांडे, सौम्या आदि छात्र मौजूद रहे।

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