संस्कृत के लिए पांच सौ छात्रों और शिक्षकों ने लगायी हरकी पैड़ी तक दौड़
हरिद्वार। ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय से हरकी पैड़ी तक संस्कृत के लिए दौड़ हुई। पांच सौ संस्कृत छात्रों और शिक्षकों ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए इसमें प्रतिभाग किया। कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, नगर विधायक मदन कौशिक, संस्कृत भारती के प्रदेश संगठन मंत्री गौरव शास्त्री, संस्कृत शिक्षा के उपनिदेशक डॉ. पद्माकर मिश्र, संस्कृत विवि के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी, सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ. वाजश्रवा आर्य, प्राचार्य डॉ. बलदेव प्रसाद चमोली ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम शुरू कराया। मालवीय चौक, देवपुरा अग्रसेन चौक, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, शिवमूर्ति चौक, वाल्मीकि चौक, अपर रोड होते हुए छात्र हरकी पैड़ी पर पहुंचे। दौड़ में संस्कृत भाषा में जय घोष के नारे गूंजते रहे। हरकी पैड़ी पर समापन कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि संस्कृत पूरे विश्व को वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ एक सूत्र में पिरोने की क्षमता रखती है। प्रदेश की दूसरी राजभाषा होने के कारण हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। शोध छात्रों को प्रतिवर्ष तीस हजार दिए जाने के साथ मेधावी छात्रों को भी छात्रवृत्ति दी जा रही है। पहली बार संस्कृत शिक्षा में भी एससीएसटी के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है। विधायक मदन कौशिक ने कहा कि संस्कृत देववाणी है। आने वाला समय संस्कृत छात्रों का है। आयोजन समिति के सदस्य डॉ. नवीन पंत ने बताया कि हरिद्वार के 15 विद्यालयों, महाविद्यालयों के पांच सौ से अधिक छात्र, आचार्य, प्राचार्य शामिल हुए। डॉ. वाजश्रवा आर्य, गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, संस्कृत शिक्षा उपनिदेशक डॉ. पद्माकर मिश्र, पतंजलि योगपीठ के संत आदित्य देव, संकल्पदेव, गरीबदासीय साधु संस्कृत महाविद्यालय के रवि देव शास्त्री, ऋषिकुल विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ. बलदेव प्रसाद चमोली ने विचार रखे। इस दौरान एसडीएम अजयवीर सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, विकास तिवारी, डॉ. सोहनलाल बलूनी, डॉ. प्रेरणा गर्ग, डॉ. शिवानी विद्यालंकार, डॉ. सर्वेश तिवारी, डॉ. भगवान झा, डॉ. वाणी भूषण भट्ट, डॉ. राजेंद्र गौनियाल, प्रकाश तिवारी आदि मौजदू रहे।