समर्थ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूली करने का आरोप

देहरादून। एनएसयूआई ने समर्थ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की फीस लेने का विरोध किया। कहा कि यह सरकारी पोर्टल है और इस पर रजिस्ट्रेशन के बाद प्रवेश के लिए परीक्षा अलग से नहीं होनी है तो फिर शुल्क लेने का कोई औचित्य नहीं बनता। प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों में प्रवेश पंजीकरण के लिए समर्थ पोर्टल लांच किया है, जिसे शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के रूप प्रचारित कर रही है। लेकिन पोर्टल पर पंजीकरण के नाम 50 रुपये शुल्क लिया जा रहा है। पंजीकरण के लिए जो दस्तावेज मांगें जा रहे हैं, उनको अपलोड करने के लिए साइबर कैफे वाले 200 रुपये का शुल्क वसूल रहे हैं। पोर्टल में महाविद्यालय चयन के समय संबंधित कोर्स की फीस की कोई जानकारी नहीं दी गई है। किसी भी छात्र को प्राइवेट शिक्षण संस्थान एवं सरकारी शिक्षण संस्थान में फीस का अंतर मालूम नहीं होगा, जिससे कि वह भविष्य में प्रवेश लेने से वंचित रह सकता है। उन्होंने खामियों को देखते हुए पोर्टल के माध्यम से छात्रों के प्रवेश बंद करने की मांग की है। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट, सोशल मीडिया प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी, पूर्व प्रदेश सचिव एनएसयूआई अभय कैंतुरा, अनंत सैनी, पवन मंडोली आदि मौजूद रहे।

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